छबड़ा में आंदोलनरत हिन्दू सुरक्षा समिति, ताकि हिंसा, लूटपाट व आगजनी के शिकार हिन्दुओं को मिले न्याय

छबड़ा में आंदोलनरत हिन्दू सुरक्षा समिति, ताकि हिंसा, लूटपाट व आगजनी के शिकार हिन्दुओं को मिले न्याय

छबड़ा में आंदोलनरत हिन्दू सुरक्षा समिति, ताकि हिंसा, लूटपाट व आगजनी के शिकार हिन्दुओं को मिले न्याय

बारां। जिला बारां के छबड़ा में दिनांक 10 अप्रैल को हुई चाकूबाजी के बाद मुस्लिम उपद्रवियों के द्वारा 11 अप्रैल को आगजनी, लूटपाट, तोड़फोड़ व हिंसा की गई। उसके विरोध स्वरूप छबड़ा क्षेत्र 8 दिनों तक पूर्ण बन्द रहा। प्रशासन ने अपनी नाकामी को छिपाते हुए यहॉं कर्फ्यू लगा दिया और हिन्दू समाज के साथ हुई हिंसा तथा उनके प्रतिष्ठानों में की गई आगजनी, लूटपाट आदि के विषय को दबाने का प्रयत्न किया।

प्रशासन ने दंगाइयों के प्रति कठोर कार्यवाही करने के बजाय, उल्टा हिन्दू समाज के लोगों को ही गिरफ्तार करने की नीति  प्रारम्भ कर दी। इससे पूरे हिन्दू समाज में आक्रोश व्याप्त हुआ और विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर सम्पूर्ण बारां जिले को आधे दिन के लिए बन्द रखा गया। हिन्दू समाज ने घरों के बाहर आकर सांकेतिक रूप से धरना दिया, जिसमें 5,000 परिवारों ने अपनी सहभागिता निभाई। विभिन्न समाजों व संस्थाओं के लोगों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपे।

ट्विटर पर 1st ट्रेंड हुआ छबड़ा हिंसा प्रकरण
इस घटना के विरोध स्वरूप एक ट्विटर ट्रेंड भी चला। जिसमें लोगों का मानना था कि यह गंभीर विषय भी शासन-प्रशासन द्वारा राजनीतिक तुष्टीकरण जैसे षड्यंत्र की भेंट चढ़ा दिया गया। प्रशासन ने मुस्लिम उपद्रवियों, दंगाइयों को ना पकड़ते हुए ज्ञापन देने गए निर्दोष हिंदुओं को नामजद करके उनकी गिरफ्तारियां प्रारंभ कर दीं। इस पूरे षड्यंत्र की रचना करने वाले, लूटपाट व आगजनी की भूमिका बनाने वाले मुख्य आरोपी आज भी प्रशासन की गिरफ्त से दूर हैं। घटना वाले दिन के वीडियो व फुटेज देखने के बाद भी प्रशासन ने आंखें मूंद लीं।

ट्विटर ट्रेंड हिंदू सुरक्षा समिति के आह्वान पर दिनांक 5 मई को   सायं 5:00 बजे से 8:00 बजे तक चलाया गया। देशभर में यह ट्रेंड प्रथम स्थान पर रहा। जिसमें देश भर से कुल 35,000 ट्वीट किए गए। जिस घटना को प्रशासन ने दबाने के प्रयास किए उसे सोशल मीडिया ने पूरे देश तक पहुंचाया।

हिन्दू सुरक्षा समिति के संरक्षक प्रताप सिंह नागदा ने बताया कि कोराना से उत्पन्न परिस्थितियों और दिशा निर्देशों के कारण बड़ा प्रदर्शन संभव नहीं था। स्थाई धरना कर पाना भी संभव नहीं हो पाया। अत: सरकार तक सम्मिलित रूप से अपनी बात पहुंचाने के लिए ट्विटर का सहारा लेना पड़ा।

उन्होंने कहा अब हिन्दू चुप नहीं बैठेगा। जब तक निर्दोष हिन्दुओं पर लगे झूठे मुकदमे वापस नहीं होंगे, व्यापारियों को मुआवज़ा नहीं मिलेगा व मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा तब तक हिन्दू सुरक्षा समिति द्वारा एक नए स्वरूप में प्रतिदिन सरकार व प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने कड़े स्वर में कहा कि यदि सरकार व प्रशासन हिन्दुओं को जल्दी न्याय नहीं देता है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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