जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी भारत में संघ के योगदान पर बात करती पुस्तक

जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी भारत में संघ के योगदान पर बात करती पुस्तक

जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी भारत में संघ के योगदान पर बात करती पुस्तकजम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी भारत में संघ के योगदान पर बात करती पुस्तक

पुस्तक : Conflict resolution The RSS Way

लेखक : रतन शारदा एवं यशवंत पाठक

प्रकाशक : गरुण प्रकाशन

भारत विश्वगुरु रहा है। भारत विविधता की भूमि है, और यहां हर धर्म, जाति और पंथ के लोग एक साथ रहते हैं। पंजाब वर्तमान में भंवर से निकल रहा है। ‘Conflict resolution The RSS Way’ पुस्तक लेखक रतन शारदा और यशवंत पाठक ने पंजाब के पुराने स्वयंसेवक जयकिशन को समर्पित की है। पुस्तक में जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी भारत में आयी समस्याओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इससे संबंधित पारित प्रस्तावों, स्वयंसेवकों के प्रयासों की जानकारी दी है। जम्मू कश्मीर में अलगाववाद के दौर और विदेशी ताकतों के सक्रिय होने से यह क्षेत्र प्रभावित रहा है। 1988-2019 तक हिंसा ने कुल 45,230 जानें लीं।

पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के कारण हजारों वर्षों से आक्रमणकारियों का पसंदीदा क्षेत्र रहा है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर हमेशा अग्रणी रहा है। भावनात्मक और धार्मिक भावनाओं को राजनीतिज्ञों द्वारा भड़काकर पंजाब को विकास के मार्ग से भटकाने का प्रयास किया जाता रहा है। पंजाब में 1981 से 1997 तक 21594 हत्याएं हुईं। 1997-2011 तक 35, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पंजाब प्रांत सह संघ चालक ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा भी शामिल हैं।

हाल ही में हुए किसान आंदोलन में खालिस्तानियों की घुसपैठ की बात समय समय पर उठती रही है। उत्तर पूर्व में ईसाई मिशनरीज द्वारा कन्वर्जन बहुत बड़ी समस्या है। इसी के साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या भी रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा इन सभी राज्यों में उत्पन्न समस्याओं के विषय में राष्ट्रीय हित देखते हुए प्रस्ताव पारित किये गये हैं। इन सभी पर पुस्तक में प्रकाश डाला गया है। पुस्तक के अनुसार, राष्ट्र हित में किये जा रहे कार्य के कारण ही संघ पर वामपंथियों, इस्लामिस्ट और चर्च समर्थित एनजीओ समय समय पर हमला करते रहते हैं।

जम्मू कश्मीर पर 25, पंजाब पर 12 और उत्तर पूर्वी राज्यों पर 17 प्रस्ताव संघ द्वारा पारित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय सुरक्षा पर 21, गौ सुरक्षा पर 7 प्रस्ताव पारित किये गये हैं।

पुस्तक में संघ द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया पर भी विस्तार से प्रकाश डाला गया है। यह पुस्तक भारत की जम्मू कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्वी राज्यों की समस्या पर संघ का दृष्टिकोण एक विशिष्ट नजरिये से प्रस्तुत करती है।

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