जयपुर : उदयनिधि के बयान के विरोध में पूर्व अधिकारियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जयपुर : उदयनिधि के बयान के विरोध में पूर्व अधिकारियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जयपुर : उदयनिधि के बयान के विरोध में पूर्व अधिकारियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापनजयपुर : उदयनिधि के बयान के विरोध में पूर्व अधिकारियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

जयपुर। आज जयपुर में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान के विरोध में पूर्व अधिकारियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इनमें रिटायर्ड सेनाधिकारी, ब्यूरोक्रेट्स और न्यायाधीश शामिल हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि सनातन चिर पुरातन, अनंत और नित्य नूतन है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ और ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः‘ की भावना पर आधारित है। सनातन धर्म किसी की आलोचना नहीं करता। यह सभी आदर्श विचारों को समाहित किए हुए है। ऐसे धर्म के बारे में अभद्रतापूर्ण टिप्पणी करना अनुचित है। तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एंड आर्टिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा चेन्नई में 2 सितम्बर, 2023 को आयोजित सनातन एबॉलिशिंग कॉन्क्लेव (Sanatan abolishing conclave) में तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म के बारे में दिए गए अपमानजनक बयान से विश्व के करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और समाज में आक्रोश की तीव्र लहर फैली हुई है। संपूर्ण भारत में रोष है। भारतवासियों की भावनाओं को आहत करने के सुनियोजित षड्यंत्र हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि भारत को कमजोर करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन ने कहा था, “हमें मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना इत्यादि का विरोध नहीं, उन्मूलन करना चाहिए। सनातन धर्म भी ऐसा ही है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के विरुद्ध है। सनातन धर्म को जड़ से उखाड़ने से मानवता और समानता कायम रहेगी।”विचारणीय है कि प्रचंड विरोध और देश के अनेक हिस्सों में मुकदमे दर्ज करवाए जाने के बावजूद स्टालिन ने अपने इस असत्य एवं द्वेषपूर्ण भाषण के लिए न केवल माफी मांगने से मना कर दिया है, बल्कि अपने बयान पर कायम रहते हुए उसे बार-बार दोहराने की धृष्टता दिखाई है। उनकी इस हठधर्मिता ने आम भारतीय के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। इस तरह के सुनियोजित घृणा फैलाने वाले भाषण राष्ट्र हित के लिए घातक हैं।

सनातन धर्म में अगाध आस्था रखने वाले भारतीय नागरिकों की ओर से हम आपसे विनम्रतापूर्वक प्रार्थना करते हैं कि कृपया धार्मिक मान्यताओं, सामाजिक सौहार्द और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़े इस अति महत्वपूर्ण विषय में हस्तक्षेप कर सनातन धर्म का अपमान करने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करवाने की कृपा करें।

उल्लेखनीय है उदयनिधि स्टालिन ईसाई मत पंथ को मानने वाले हैं। इनकी पार्टी डीएमके विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का हिस्सा है।

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