जोधपुर एयरबेस पर मिग-27 को कल दी जाएगी विदाई

वायुसेना की सूर्यकिरण टीम पहुंची जोधपुर

पाथेय डेस्क । जोधपुर

भारतीय वायुसेना में करीब चार दशक से अपना पराक्रम दिखा रहे मिग-27 का युग अब समाप्त होने जा रहा है। शुक्रवार के बाद भारतीय वायुसेना में मिग-27 का उपयोग नहीं हो सकेगा। मिग-27 को जोधपुर एयरबेस पर विदाई देने के लिए वायुसेना की सूर्यकिरण विमान की टीम पहुंच चुकी है। सूर्यकिरण विमानों के बेहतरीन कारनामों के बीच मिग-27 को विदाई दी जाएगी। वर्तमान में जोधपुर एयरबेस पर 7 मिग-27 तैनात है। ये सभी 7 विमान शुक्रवार को अपनी आखिरी उड़ान भरेंगे और उनके उतरने पर सैल्यूट कर सम्मान दिया जाएगा। इसके बाद सभी विमान फेज आउट हो जाएंगे और उनकी उड़ानें अतीत का हिस्सा बन जाएगी।

भारतीय वायुसेना में बेहतरीन फाइटर विमान माने जाने वाले मिग-27 हवा से जमीन तक मार करने वाला बेहतरीन विमान माना जाता है। साल 1981 में पहली बार मिग-27 को वायुसेना में शामिल किया गया था। 1700 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम यह विमान एक साथ चार हजार किलोग्राम के हथियार ले जा सकता है। हालांकि इसके इंजन में गड़बड़ी के कारण क्रैश होने की घटनाएं भी काफी हुई। पिछले एक दशक में सबसे अधिक क्रैश होने वाले विमानों में मिग-27 भी शामिल है। पाकिस्तान से सटी राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सीमा को देखते हुए जोधपुर एयरबेस को सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इस कारण यहां मिग-27 को तैनात किया गया था। अब राफेल विमानों को यहां तैनात किया जाएगा।

अब कहीं नहीं दिखेंगे मिग-27 विमान
सेना के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को मिग-27 की अंतिम स्कॉर्पियन-29 स्क्वाड्रन के सभी विमानों को हटाया जाएगा। इसके बाद इन विमानों को कहीं भी उड़ान भरते हुए नहीं देखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस से इन विमानों को हटाया जा चुका है। शुक्रवार को जोधपुर एयरबेस पर आयोजित होने वाले समारोह में सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

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