डीलिस्टिंग महारैली : बारिश भी नहीं थाम सकी जनजाति युवाओं का जोश
डीलिस्टिंग महारैली : बारिश भी नहीं थाम सकी जनजाति युवाओं का जोश
- तूफान और बारिश पर भारी पड़ी डीलिस्टिंग की हुंकार महारैली
- उदयपुर में चहुंओर गूंजा – तिंग-तिंग बेतिंग-डीलिस्टिंग-डीलिस्टिंग
उदयपुर, 18 जून। उदयपुर शहर रविवार को डीलिस्टिंग-डीलिस्टिंग के नारों से गूंज उठा। जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के आह्वान पर उदयपुर में हल्दीघाटी युद्ध विजय दिवस पर आयोजित हुंकार डीलिस्टिंग महारैली में जनजाति युवाओं का जोश लगातार हो रही बारिश भी नहीं थाम पाई। राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से सूर्योदय से पूर्व अपने-अपने घरों से निकले जनजाति समाज के लोग दोपहर तक उदयपुर पहुंचे और महारैली का हिस्सा बनकर डीलिस्टिंग की हुंकार भरी।
शहर के पांच स्थानों भीलूराणा चौराहा सबसिटी सेंटर, निम्बार्क कॉलेज, महाकाल मंदिर, बीएन मैदान, फील्ड क्लब से निकली डीलिस्टिंग की रैलियां जब विभिन्न मार्गों से होते हुए सभा स्थल गांधी ग्राउंड की ओर बढ़ीं, तो ऐसा लगा मानो जनजाति संस्कृति का सैलाब मेवाड़ की धरा पर उमड़ पड़ा। डीलिस्टिंग की मांग की तख्तियां हाथों में लेकर नारे लगाते हुए जनजाति समाज के लोग सभा स्थल पर पहुंचे। सभा स्थल पर पहुंचने के साथ ही वहां स्थित मंच पर जनजाति युवाओं ने पारम्परिक प्रस्तुतियां देना शुरू कर दिया।
इससे पूर्व, कोटा-हाड़ौती क्षेत्र से जनजाति बंधु सूर्योदय से पूर्व ही हुंकार भरते हुए उदयपुर के लिए रवाना हो गए तो सूर्योदय के साथ ही अन्य जिलों से भी जनजाति बंधुओं के वाहनों ने गियर बदलने शुरू कर दिए। तेज हवा और लगातार रह-रह कर हो रही बारिश भी उनके कदम नहीं रोक सकी। कोटा से निकले जनजाति बंधुओं की टोली ने मार्ग में सांवरिया सेठ के दर्शन किए और वहीं पर सुबह का भोजन किया। राजसमंद, सलूम्बर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से जनजाति बंधु मस्ती में पारम्परिक गीत गाते, नारे लगाते उदयपुर की ओर बढ़े। कई युवा पारम्परिक शस्त्रों सहित पारम्परिक वाद्य यंत्रों को भी सजाधजा कर लाते हुए नजर आए। इसी तरह, अलग-अलग मार्गों से आते हुए जनजाति बंधुओं ने मार्ग में अलग-अलग जगह ठहरकर सुबह का भोजन किया। इसके बाद वे अपने-अपने निर्धारित स्थलों पर पहुंचे।
घर-घर माताओं ने उत्साह से की भोजन व्यवस्था
उदयपुर आने वाले जनजाति बंधु-बांधवों के लिए शहर की मातृशक्ति ने भी सुबह से भोजन पैकेट की तैयारी शुरू कर दी। दस बजे बाद उदयपुर शहर व समीपवर्ती गांवों में कार्यकर्ताओं ने भोजन पैकेट एकत्र करने शुरू कर दिए। जितना उत्साह जनजाति बंधुओं के उदयपुर आने में नजर आ रहा था, उतना ही उत्साह घर-घर में भोजन पैकेट बना रही मातृशक्ति में नजर आया। अड़ोस-पड़ोस में पूछ-पूछ कर खराब नहीं होने वाले व्यंजन बनाए गए। किसी-किसी ने तो आम की केरियां भी भोजन पैकेट में रख दीं। कहीं भोजन पैकेट एकत्र करने वाले कार्यकर्ता नहीं पहुंचे तो माताएं स्वयं उन तक पहुंचती नजर आईं। 25-25 पैकेट का एक थैला बनाया गया। इनको अलग-अलग पंजीयन स्थल पर संख्या के अनुसार दोपहर बाद 3 बजे तक पहुंचा दिया गया। भोजन पैकेट के लिए शहरी क्षेत्र को 73 भागों में बांटा गया तथा समीपवर्ती 113 गांव भी भोजन पैकेट व्यवस्था में शामिल किए गए।
बारिश में भी सजाए चौराहे
इस बीच, उदयपुर में हुंकार रैली के मद्देनजर विभिन्न संगठनों ने देर रात तक काम करते हुए चौराहों पर पताकाएं, बैनर आदि लगाए। सुबह होते ही गांधी ग्राउंड और मार्गों की सजावट के लिए कार्यकर्ता जुटे, तो रंगोली सजाने के लिए महिलाएं पहुंचीं। लगातार हो रही बारिश के बीच भी कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बना।
भीलू राणा को नमन कर निकली शोभायात्राएं
पहली शोभायात्रा सबसिटी सेंटर से 3.30 बजे भीलू राणा पूंजा को नमन करने के साथ शुरू हुई। इसके बाद शेष चारों शोभायात्राएं शुरू हुईं। सभी शोभायात्राएं संतों के सानिध्य में शुरू हुईं। संतों ने श्रीफल शगुन के साथ शोभायात्रा को शुरू किया। संत वृंद बग्घियों में बिराजकर रैली में चले। शोभायात्राओं में जनजाति बंधु पारम्परिक वाद्यों के साथ नाचते-गाते चले। लगभग 5 बजे तक सभी शोभायात्राएं सभा स्थल तक पहुंचीं।
यहां यहां से निकली शोभायात्राएं
बांसवाड़ा, कुशलगढ़, सलूम्बर, सागवाड़ा से आने वालों की शोभायात्रा सबसिटी सेंटर भीलू राणा सर्कल से शुरू होकर आवरी माता, पुलिस लाइन, उदियापोल, अमृत नमकीन, बापू बाजार, देहलीगेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी ग्राउंड में पहुंची।
सिरोही, पाली, गोगुन्दा, राजसमंद व नाथद्वारा मार्ग से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा फील्ड क्लब से शुरू होकर सहेलियों की बाड़ी, यूआईटी पुलिया, लवकुश स्टेडियम गेट नंबर 3 से गांधी ग्राउंड पहुंची।
खेरवाड़ा व डूंगरपुर से आने वालों की शोभायात्रा निम्बार्क कॉलेज से शुरू होकर सूरजपोल, टाउन हॉल रोड, देहलीगेट, कोर्ट चौराहा, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी ग्राउंड पहुंची।
चित्तौड़-कोटा की ओर से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा बीएन ग्राउंड से शुरू होकर कुम्हारों का भट्टा, दुर्गा नर्सरी, शास्त्री सर्कल, कोर्ट चौराहा, चेतक, पहाड़ी बस स्टैंड गेट नंबर 2 से गांधी ग्राउंड पहुंची।
कोटड़ा, झाड़ोल, बाघपुरा की ओर से आने वाले बंधुओं की शोभायात्रा महाकाल से शुरू होकर आयुर्वेद कॉलेज, शिक्षा भवन होते हुए गुरु गोविन्द सिंह स्कूल वाले द्वार गेट नंबर 1 से गांधी ग्राउंड पहुंची।
राजमार्गों पर जाम से आयोजक हुए परेशान
चक्रवाती बारिश के चलते शनिवार शाम से ही चित्तौड़ व अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम की स्थिति होने से रविवार दोपहर यहां पहुंची जनजाति समाज की गाड़ियां भी फंस गईं। जब काफी देर समाधान नहीं हुआ तो जनजाति सुरक्षा मंच ने जिला प्रशासन को आग्रह किया कि उदयपुर आ रही जनजाति बंधुओं की बसों को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया जाए। जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने कहा कि चिंता तूफान के कारण आ रही बारिश से नहीं, जाम से है।
अनुशासन और प्रबंधन से शहर में नहीं लगा जाम
इतनी बड़ी संख्या में उदयपुर शहर में आए जनजाति बंधुओं की रैलियां इतनी अनुशासित और समयबद्ध रहीं कि कहीं से भी शहर में जाम की समस्या सामने नहीं आई। दरअसल, गाड़ियों की पार्किंग का प्रबंधन व्यवस्थित होने और समय प्रबंधन भी समुचित होने से शहरवासी कहीं भी जाम में नहीं फंसे।
पांच दिशाएं, पांच पंजीयन स्थल और पार्किंग व्यवस्थाएं
बांसवाड़ा, कुशलगढ़, सलूम्बर, सागवाड़ा से आने वालों की पंजीयन व्यवस्था सवीना पेट्रोल पम्प पर रही और इनके वाहनों की पार्किंग सबसिटी सेंटर एवं आसपास के 100 फीट रोड पर रखी गई।
सिरोही, पाली, गोगुन्दा, राजसमंद व नाथद्वारा मार्ग से आने वाले बंधुओं के लिए सुखेर में पंजीयन व्यवस्था रखी गई और इनकी पार्किंग विद्या भवन स्कूल ग्राउंड में रखी गई।
खेरवाड़ा व डूंगरपुर से आने वालों वाहनों की पंजीयन व्यवस्था हर्ष पैलेस होटल के समीप थी तथा पार्किंग फतेह स्कूल व माली कॉलोनी रोड पर रखी गई।
चित्तौड़-प्रतापगढ़ तथा कोटा-बारां की ओर से आने वाले वाहनों की पंजीयन व्यवस्था देबारी फ्लाईओवर के नीचे रखी गई तथा चित्तौड़-प्रतापगढ़ के वाहनों की पार्किंग विद्या निकेतन सेक्टर-4 में तथा कोटा-बारां की पार्किंग बीएन ग्राउंड में रखी गई।
कोटड़ा, झाड़ोल, बाघपुरा की ओर से आने वाले वाहनों की पंजीयन व्यवस्था सीसारमा पेट्रोल पम्प के पास रखी गई तथा पार्किंग रानी रोड, राजीव गांधी पार्क तक थी।