तिथि विचार – आज का पंचांग एवं विचार
विचार
आयुष: क्षण एकोपि सर्वरत्नैन लभ्यते।
नीयते तद् वृथा येन प्रमाद: सुमहानहो॥
अर्थात्
सब रत्न देने पर भी जीवन का एक क्षण भी वापस नहीं मिलता। ऐसे जीवन के क्षण जो निरर्थक ही खर्च कर रहे हैं वे कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।