जागरण पत्रिकाओं के संपादन, सामग्री रचना आदि विषयों के मार्गदर्शक दिलीप धारूरकर का निधन

जागरण पत्रिकाओं के संपादन, सामग्री रचना आदि विषयों के मार्गदर्शक दिलीप धारूरकर का निधन

जागरण पत्रिकाओं के संपादन, सामग्री रचना आदि विषयों के मार्गदर्शक दिलीप धारूरकर का निधनजागरण पत्रिकाओं के संपादन, सामग्री रचना आदि विषयों के मार्गदर्शक दिलीप धारूरकर का निधन

जागरण पत्रिकाओं के संपादन, सामग्री रचना, प्रस्तुति आदि विषयों के मार्गदर्शक दिलीप धारूरकर का सोमवार को निधन हो गया। वे महाराष्ट्र में नगर तथा संभाजी नगर से प्रकाशित होने वाले दैनिक ‘देवगिरी तरुण भारत’ के अनेक वर्ष संपादक रहे। वे एक विचारवंत, उत्तम वक्ता व स्तंभ लेखक थे। वे महाराष्ट्र राज्य के माहिती आयुक्त जैसे पद पर भी रहे। नगर व जिले में कुछ वर्ष बौद्धिक प्रमुख के नाते प्रत्यक्ष संघ कार्य भी सम्भाला। स्वभाव से अत्यंत चपल व विनोदी, मराठी के साथ साथ हिन्दी, संस्कृत, कन्नड़, तेलुगु तथा अंग्रेजी भाषा के जानकार दिलीप धारूरकर का ‘तरुण भारत’ में प्रकाशित होने वाला स्तंभ प्रहार अत्यंत लोकप्रिय था। कुछ महीने पूर्व ही उन्होंने अपनी यू-ट्यूब वाहिनी ‘दिशाबोध’ को भी प्रारंभ किया था।

गत कुछ दिनों से अस्वस्थ होने के कारण वे संभाजी नगर के डॉ. हेडगेवार रुग्णालय में उपचार ले रहे थे। उनके देवलोक गमन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने दिलीप धारूरकर के  योगदान को याद करते हुए कहा कि, श्री दिलीप जी के अचानक निधन होने का समाचार अत्यंत आघातजनक है। प्रचार विभाग की आज की विकसित अवस्था में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। पत्र लेखन, जागरण पत्रिका संपादन, समाचार समीक्षा और न्यूज कैसे पहचानना और लिखना, ऐसे विषयों पर उनका सतत महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रचार प्रमुखों को मिलता रहा है। सटीक उदाहरण से उनका विषय आकर्षक, रसप्रद और उद्बोधक रहता था। प्रचार विभाग की अखिल भारतीय टोली के वे दीर्घकाल तक सक्रिय सदस्य रहे हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को उत्तम गति प्रदान करें।

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