नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा दिखाई-अभाविप

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा दिखाई-अभाविप

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा दिखाई-अभाविपनई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा दिखाई-अभाविप

देहरादून। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दो-दिवसीय केन्द्रीय कार्यसमिति की बैठक देहरादून में शुरू हुई। बैठक का शुभारंभ अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल तथा संगठन मंत्री आशीष चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में देशभर के सभी राज्यों से अभाविप कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। बैठक में शिक्षा, समाज तथा महत्वपूर्ण समसामयिक विषयों पर चर्चा करेंगे। जिससे अभाविप की इकाईयां परिवर्तन की प्रक्रिया में सुधारात्मक योगदान कर सकें।

केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधियों से डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि, “देश का शिक्षा क्षेत्र संभावनाओं के यथार्थ में परिवर्तित होने के समय में है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने इक्कीसवीं सदी में भारत के शिक्षा क्षेत्र में सुधार से राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा दिखाई है। आज यह आवश्यकता है कि देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में इस नीति का शीघ्रता से शत-प्रतिशत क्रियान्वयन किया जाए। एनसीआरएफ व एनसीएफ आदि से देश के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक व‌ सकारात्मक परिवर्तन होने की आशा है। इस बदलाव की प्रक्रिया में सभी हितधारकों को सहभागी होने की आवश्यकता है, जिससे देश की युवा शक्ति समर्थ नागरिक के रूप में विकसित हो सके।”

याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “वर्तमान में अभाविप की देशभर में कुल सदस्यता 45,59,410 है, तथा 3963 इकाईयां और 8658 महाविद्यालयीन इकाईयां हैं। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के पुनीत कार्य में सतत प्रयासरत ध्येय यात्रियों की यह संख्या निरंतर विस्तारित हो रही है। अभाविप ने बीते वर्ष 589 जिलों के 5656 स्थानों पर छात्र सम्मेलनों का आयोजन किया, जिसमें 07,01,840 युवाओं की सहभागिता रही। इन सम्मेलनों में शैक्षिक व समसामयिक महत्वपूर्ण विषयों के साथ स्थानीय मुद्दों पर युवाओं ने संवाद किया तथा देश के अच्छे नागरिक के रूप में अपने योगदान व भूमिका निर्वहन का संकल्प लिया। आज देश के शैक्षणिक संस्थानों में सभी नकारात्मक शक्तियों को रोकने की आवश्यकता है। हाल ही में आईआईटी मुंबई के छात्र दर्शन सोलंकी की दुखद आत्महत्या को भी वामपंथी छात्र संगठनों ने राजनीतिक लाभ के अवसर के रूप में देखा तथा झूठ फैलाया। लेकिन इस मामले में गठित एसआईटी की पड़ताल में इन वामपंथियों के इतर सच्चाई निकली और एक आरोपी की गिरफ़्तारी भी हुई, जिसके बाद से इस विषय के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत वैमनस्यता फैलाने की कोशिश कर रहे लोगों में सन्नाटा फैल गया है, इस घटना पर हुए वितंडा से वामपंथियों की सतही दोहरी मानसिकता सामने आई है। अभाविप युवाओं तथा छात्रों के महत्वपूर्ण संगठन के रूप में निरंतर गतिशील है तथा सकारात्मकता व राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा में युवाओं के सकारात्मक व लोकतांत्रिक आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।”

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