नमन वीरों को (कविता)
नमन वीर सीडीएस और हेलिकॉप्टर हादसे के सभी फौजियों को
भानुजा श्रुति
शान से निकली सवारी
हे वीरोत्तम तुम्हारी।
पुष्प रथ पर हो विराजे
संग में पत्नी तुम्हारी।
यूँ अचानक प्रभु चरण में
आत्म ज्योति है तुम्हारी।
श्वास के अंतिम चरण में
जीत हुई है तुम्हारी।
जिओ तो ऐसे जिओ
कि याद जीवित हो तुम्हारी।
अश्रुपूरित नम हृदय है
हाथ जोड़े हैं पुजारी।
गहन प्रेम की अद्भुत थाती
साथ चले हैं जीवन साथी।
मुक्ति द्वार खोले हैं प्रभु ने
स्वागत करते कृष्ण मुरारी।