नवीन पाठ्यचर्या आधुनिक विज्ञान और पुरातन ज्ञान के साथ समन्वय बनाने वाली- अभाविप
नवीन पाठ्यचर्या आधुनिक विज्ञान और पुरातन ज्ञान के साथ समन्वय बनाने वाली- अभाविप
नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा जारी की गई नवीन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या तथा उसके द्वारा प्रस्तावित सभी बदलावों का एबीवीपी सहर्ष स्वागत करती है। यह प्रयास अभिभावकों की भूमिका रेखांकित करने तथा विद्यार्थियों में भारतीयता की भावना विकसित करने में सहायक होंगी। इस पाठ्यचर्या को राष्ट्रीय शिक्षा नीति से समन्वित कर बनाया जाना इसकी उपयोगिता को अधिक सुनिश्चित करता है। भारत के संस्कार को केंद्र में रख पाठ्यचर्या बनाया जाना प्रशंसनीय है।
नवीन पाठ्यचर्या भारतीय पंच कोशीय विकास पद्धति पर आधारित है। मानव जीवन में मानसिक विकास के लिए आरम्भ के 8 वर्ष बुनियादी शिक्षा हेतु अति महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए, इस आयुवर्ग के लिए खेल एवं व्यावहारिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “नवीन पाठ्यचर्या आधुनिक विज्ञान के साथ पुरातन ज्ञान के साथ समन्वय बनाने वाली है। पाठ्यचर्या के लिए सरकार द्वारा देश भर से सुझाव आमंत्रित करना दिखाता है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलने के लिए सरकार संकल्पित है। आशा है, इस नई पाठ्यचर्या से विद्यार्थियों का व्यापक परिचय भारतीय ज्ञान की विराटता से सफलतापूर्वक करवाने में सक्षम रहेगी।”