बाल कलाकारों ने किया बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक “उलगुलान” का मंचन

बाल कलाकारों ने किया बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक "उलगुलान" का मंचन
बाल कलाकारों ने किया बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक "उलगुलान" का मंचन
 
  • झुग्गी- झोपड़ी  में रहने  वाले  34 बाल कलाकारों ने अपनी नाट्य प्रस्तुति से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध
नई दिल्ली, 17 मार्च 2022। स्वाधीनता  के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कार भारती दिल्ली द्वारा गुमनाम सेनानियों के प्रति लोगों में जागरूकता प्रसारित करने की दृष्टि से  “कला संकुल” में जनजाति समाज के महान स्वतंत्रता सेनानी “बिरसा मुंडा” के जीवन पर आधारित नाटक “उलगुलान” की प्रस्तुति का सफल आयोजन किया गया, जिसमें देश के भविष्य 34 बाल कलाकारों ने प्रस्तुति दी।
बाल कलाकारों ने किया बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक "उलगुलान" का मंचन
नाट्य विधा संयोजक अवतार साहनी के अनुसार, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किये गए स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कार भारती के दिल्ली प्रान्त के कलाकार पूरे  वर्ष स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम सेनानियों के योगदान को रेखांकित करने और उनका पुण्य स्मरण करने के क्रम में अपनी सभी विधाओं की प्रस्तुतियाँ करेंगे, ताकि आमजन उन्हें जान सकें। इस कड़ी में नाट्य विधा का यह पहला कार्यक्रम है।”
नाटक के निर्देशक एवं सूत्रधार रोहित त्रिपाठी ने कहा कि “स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सुझाव  पर  “जनजाति नेता बिरसा मुंडा” पर नाटक बनाने की प्रेरणा मिली। हमने अलग अलग पुस्तकों एवं उपलब्ध ऎतिहासिक जानकारियों का समन्वय कर  “उलगुलान” नाटक की संकल्पना की। मंचन के लिए कल्याणपुरी-त्रिलोकपुरी के गरीब वर्ग (स्लम क्षेत्रों) के बच्चों का चुनाव किया गया।  नाटक के सभी 34 बाल  कलाकार  स्कूली छात्र हैं, जिनकी आयु 10 से लेकर 15 वर्ष तक की है।
बिरसा मुंडा का पात्र बने विनय कुमार 15 वर्ष के हैं। वे ओपन यूनिवर्सिटी से 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके अनुसार “पहले उन्हें बिरसा मुंडा के बारे में कुछ भी नहीं पता था, पर जब उन्हें पता चला कि वो एक ऐसे व्यक्तित्व का पात्र निभा रहे हैं, जिनको जनजाति समाज अपने भगवान के रूप में मानता है, तो उन्हें बहुत गर्व हुआ।”  वह  संस्था द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण एवं सहयोग से प्रेरित होकर अब थिएटर कलाकार के रूप में स्थापित होना चाहते हैं।
उलगुलान” के बारे में:  यह नाटक बिरसा मुंडा के बारे में है, जो मुंडा जनजाति के थे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के  सेनानी, धार्मिक नेता और लोकनायक थे। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में पैदा हुए एक जनजाति धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। विद्रोह मुख्य रूप से खूंटी, तामार, सरवाड़ा और बंदगांव के मुंडा बेल्ट में केंद्रित था। बिरसा को ईसाई मिशनरियों को चुनौती देने तथा मुंडा व उरांव समुदायों के साथ-साथ धर्मांतरण गतिविधियों के विरुद्ध समाज को जागृत करने के लिए जाना जाता है।
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