निज्जर हत्याकांड : बिना साक्ष्य भारत पर आरोप पर ट्रूडो की अपने ही देश में आलोचना
निज्जर हत्याकांड : बिना साक्ष्य भारत पर आरोप पर ट्रूडो की अपने ही देश में आलोचना
भारत और कनाडा के मध्य खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना किसी साक्ष्य के कहा कि आतंकी निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों का हाथ था। कथित तौर पर यह जानकारी उन्हें ‘फाइव आइज’ के एक सहयोगी द्वारा दी गई।
वहीं भारत पर लगाए गए आरोपों के साक्ष्य नहीं दिए जाने के कारण अब कनाडा की मीडिया और जनता एक खालिस्तानी आतंकी के लिए भारत के साथ संबंध खराब करने पर ट्रूडो की आलोचना कर रही है।
कनाडा के प्रमुख अखबार नेशनल पोस्ट ने अपने एक संपादकीय में लिखा कि, ‘यह याद रखना जरूरी है कि ट्रूडो ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, उसे सत्यापित किया जाना शेष है। नेशनल पोस्ट ने एक इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट छापी जिसमें ट्रूडो को केवल 33% अप्रूवल रेटिंग मिली है जबकि 64% लोगों ने उन्हें नापसंद किया।
वहीं कनाडा के अखबार “वैंकूवर सन”( Vancouver Sun) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वीजा सेवाओं को रोक दिए जाने के बाद से भारतीय मूल के कनाडाई लोग परेशान हैं कि वो भारत कैसे जाएंगे।
एक अन्य अखबार टोरंटो सन ने लिखा कि कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर भारत चुप नहीं बैठने वाला। इसलिए यह आवश्यक है कि ट्रूडो की सरकार निज्जर की हत्या से भारत सरकार का लिंक प्रमाणित करने के लिए जो भी साक्ष्य दे सकती है, वे जारी करे।
टोरंटो सन ने लिखा कि हरदीप सिंह निज्जर को लेकर स्पष्ट रहने की आवश्यकता है, वो कोई संत नहीं था और यदि वो आतंकवादी था जैसा कि भारत सरकार का कहना है तो इसका निर्णय न्यायालय को करना चाहिए था। अंत में टोरंटो सन लिखता है कि इस विवाद से भारत के पीएम मोदी या ट्रूडो को कोई समस्या नहीं हो रही है, परंतु इसका प्रभाव सीधे कनाडा के लोगों पर पड़ रहा है जो भारत से व्यापार करते हैं और भारत जाने के लिए वीजा की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे हैं।
दूसरी ओर डेविड एबी, जो कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं और ट्रूडो सरकार के सहयोगी हैं, उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार खालिस्तानी आतंकवादी के बारे में जानकारी छिपा रही है। ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड एबी ने कहा कि कनाडाई खुफिया एजेंसी को जो ब्रीफिंग प्राप्त हुई है, वह सार्वजनिक है और इंटरनेट पर ही उपलब्ध है।