निर्मल भाव रखने वाला हर व्यक्ति भगवान के मंदिर का पुजारी हो सकता है- निम्बाराम
जयपुर, 12 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि पुजारी की कोई जाति नहीं होती। रैदास की तरह निर्मल भाव रखने वाला हर व्यक्ति भगवान के मंदिर का पुजारी हो सकता है। वे शनिवार को घुमंतु जाति उत्थान न्यास की ओर से विद्याधर नगर सेक्टर चार में डीपीएस स्कूल के पीछे स्थित कालबेलिया बस्ती में अखिल विश्व गायत्री परिवार के सहयोग से आयोजित अपनी बस्ती अपना हवन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि घुमंतु जातियां देश की मार्शल कौम हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया। इनके पूर्वजों ने मुगलों के अत्याचारों के डर से जन्मभूमि बदलना स्वीकार कर लिया, लेकिन धर्म नहीं बदला। उन्होंने घुमंतु पुजारी योजना का शुभारंभ करते हुए विद्याधर नगर, हरमाड़ा, कालवाड़ रोड, मुरलीपुरा, निवारू रोड क्षेत्र की 13 बस्तियों में स्थानीय व्यक्ति को पुजारी नियुक्त किया। सभी पुजारियों को दुपट्टा ओढ़ाकर अभिनंदन कर वेदमाता गायत्री और हनुमान जी महाराज का चित्र, घंटी, दीपक, कलश, प्रसाद सहित अन्य पूजन सामग्री भेंट की गई।
नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में लिया बुराई छोड़ने का संकल्प
इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी और कालवाड़ की ओर से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। घुमंतु जाति उत्थान न्यास के जयपुर महानगर संयोजक राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि व्यासपीठ से प्रहलाद शर्मा और महेन्द्र कुमार ने वैदिक विधि से यज्ञ करवाते हुए उपस्थित लोगों को हवन में एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण कराने का संकल्प कराया। कार्यक्रम में सालासर बालाजी मंदिर के विष्णु पुजारी समेत अनेक लोग उपस्थित थे। शेखावाटी अस्पताल की ओर से बस्ती में निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया।