पंचांग एवं प्रेरक विचार
प्रेरक विचार
गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः।
प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुडायते।।
गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है, न कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाने से। राजमहल के शिखर पर बैठ जाने पर भी कौआ गरुड़ नहीं बनता।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।