पंचांग एवं विचार
प्रात:कालीन विचार
विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च।
व्याधितस्योषधं मित्रं धर्मो मित्रं मृतस्य च॥
विद्या प्रवास के समय तथा पत्नी घर में मित्र है। व्याधि ग्रस्त शरीर के लिए औषधि मित्र है तथा मृत्यु के पश्चात धर्म अपना मित्र है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।