पंचांग एवं सुभाषित

पंचांग एवं सुभाषित

पंचांग

पंचांग एवं सुभाषित

सुभाषित

दुर्जन: परिहर्तव्यो विद्या अलंकृतो अपि सन।
मणिना भूषित: सर्प: किमसौ न भयंकर:॥

दुर्जन चाहे वह विद्या से विभूषित क्यूं न हो, उसे दूर ही रखना चाहिए।
मणि से आभूषित सांप, क्या भयानक नहीं होता?

।।आप सभी का दिन मंगलम हो।।

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