तिथि - विचार धर्म-संस्कृति पंचांग एवं सुभाषित 4 years ago Pathey Kan पंचांग सुभाषित दुर्जन: परिहर्तव्यो विद्या अलंकृतो अपि सन। मणिना भूषित: सर्प: किमसौ न भयंकर:॥ दुर्जन चाहे वह विद्या से विभूषित क्यूं न हो, उसे दूर ही रखना चाहिए। मणि से आभूषित सांप, क्या भयानक नहीं होता? ।।आप सभी का दिन मंगलम हो।। Post Views: 593 Share on Tags: Panchang, subhashit Continue Reading Previous बाजीप्रभु देशपाण्डे का बलिदानNext राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.