पंचांग 28 अक्टूबर 2020
पंचांग 28 अक्टूबर 2020
सुविचार
श्रोत्रं श्रुतेनैव न कुंडलेन, दानेन पाणिर्न तु कंकणेन
विभाति कायः करुणापराणां, परोपकारैर्न तु चन्दनेन॥
भावार्थ :
कुंडल पहन लेने से कानों की शोभा नहीं बढ़ती, कानों की शोभा शिक्षाप्रद बातों को सुनने से बढ़ती है। उसी प्रकार हाथों में कंगन धारण करने से वे सुन्दर नहीं होते उनकी शोभा शुभ कार्यों अर्थात दान देने से बढ़ती है। परहित करने वाले सज्जनों का शरीर भी चन्दन से नहीं अपितु परहित मे किये गये कार्यों से शोभायमान होता है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।