पंचांग 30 जनवरी 2021
पंचांग 30 जनवरी 2021
सुविचार
तद् भोजनं यद् याचकभुक्तशेषम्, तत्सौहदं यत् क्रियते परस्मिन्।
स प्राज्ञता या न करोति पापम्, दम्भं बिना यः क्रियते स धर्मः।।
भावार्थ
वह भोजन पवित्र कहलाता है, जो याचक को भोजन कराने के बाद शेष रह जाता है, दूसरों का हित करने वाली वृत्ति (सहानुभूति) ही सच्ची सहृदयता है। श्रेष्ठ बुद्धिमान वही होता है, जो पापकर्मों में प्रवृत्त नहीं होता। धर्म-कर्म वही कल्याणार्थ है जो घमण्ड के बिना किया जाये, छल-कपट के बिना शुद्ध आचरण करना ही सच्चा धर्म है।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।