पंचांग 30 सितम्बर 2021
पंचांग 30 सितम्बर 2021
सुविचार
अग्नौ प्रास्तं तु पुरुषं कर्मान्वेति स्वयंकृतम्।
तस्मात्तु पुरुषो यत्नाद् धर्मं संचिनुयाच्छनै:।।
भावार्थ
मरने पर व्यक्ति को जलने के लिए छोड़ दिया जाता है, वह दूसरी दुनिया में अपने अच्छे या बुरे कर्मों के अलावा कुछ भी नहीं ले जाता। इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वह धीरे-धीरे उचित कर्मों का फल इकठ्ठा करे।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।