पंचांग 7 अगस्त 2020

पंचांग 7 अगस्त 2020

आज का विचार

विद्या नाम नरस्य कीर्तिरतुला भाग्यक्षये चाश्रयो
धेनुः कामदुधा रतिश्च विरहे नेत्रं तृतीयं च सा ।
सत्कारायतनं कुलस्य महिमा रत्नैर्विना भूषणम्
तस्मादन्यमुपेक्ष्य सर्वविषयं विद्याधिकारं कुरु ॥
अर्थात्
विद्या अनुपम कीर्ति है; भाग्य का क्षय होने पर आश्रय देती है, कामधेनु है, विरह में रति समान है, तीसरा नेत्र है, सत्कार का मंदिर है, कुल की महिमा है, बगैर रत्न का आभूषण है; इसलिए अन्य सब विषयों को छोड़कर विद्या का अधिकारी बनना चाहिए।

।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।

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