अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंतीअखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने मनायी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126 वीं जयंती (पराक्रम दिवस) पर उनका स्मरण करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रातः 10 बजे सुभाष चौक स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्य कार्यक्रम माहेश्वरी गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रताप नगर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल अनुज माथुर तथा विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर जेएस, डॉ. राजुरोहित, माणकचंद (पाथेय कण पत्रिका) तथा अमरसिंह राजपुरोहित (प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज सचिव डॉ. दिनेश कुमार मोदानी ने की।

प्रचारक अमरसिंह ने नेताजी के जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेताजी के जन्म के दिन ही चापेकर बंधुओं ने क्वीन विक्टोरिया के चित्र पर कालिख पोत दी थी। नेताजी को विवेकानंद की लिखी पुस्तक से प्रेरणा मिली।

विशिष्ट अतिथि ब्रिगेडियर पुरोहित ने युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने NDA , IMA, OTS तथा नेवल व एयर फ़ोर्स अकादमी के बारे में जानकारी दी। मेजर जनरल अनुज माथुर ने नेताजी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने जोशीले उद्बोधन में कहा कि असंगठित रहना गुनाह है और यही भारत की सबसे बड़ी कमजोरी थी, जिसके कारण भारत को सैकड़ों वर्षों तक परतंत्र रहना पड़ा। उन्होंने बताया कि नेताजी ने जर्मनी, जापान व सिंगापुर जाकर युद्ध बंदियों को संगठित कर आज़ाद हिन्द फ़ौज व झाँसी की रानी बटालियन का गठन किया, जिनके बलिदान से भारत स्वाधीन हुआ। पाथेय कण पत्रिका के प्रबंध सम्पादक माणक चंद ने कहा कि जल्दी ही भारत पुनः अखंड बनेगा, जिसके हम सभी साक्षी होंगे। प्राचार्या डॉ. रीनू शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कॉलेज की छात्राओं ने देश भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में एयर कमोडोर चंद्र मौली अध्यक्ष जयपुर प्रांत समेत अनेक सैन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुपमा शेखावत व डॉ. प्रीति बाहेती ने किया।

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