पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर बनेगी संघ की शताब्दी वर्ष योजना
पानीपत की ऐतिहासिक धरती पर बनेगी संघ की शताब्दी वर्ष योजना
- 1400 से अधिक प्रतिनिधि बनाएंगे संघ कार्य की योजना
- 12 से 14 तक समालखा के पट्टीकल्याणा स्थित सेवा साधना केंद्र में होगी संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा
पानीपत, 10 मार्च। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने कहा कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की सबसे महत्वपूर्ण सभा होती है। इस सभा में पिछले वर्ष किए गए कार्यों की समीक्षा व संघ द्वारा आगामी वर्ष में किए जाने वाले कार्यों की योजना तैयार की जाती है। इस वर्ष यह प्रतिनिधि सभा पानीपत जिला के समालखा स्थित पट्टीकल्याणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र में 12, 13 व 14 मार्च को होने जा रही है। इस सभा में देशभर से संघ के 1400 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसमें 34 विविध संगठनों के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। इससे पहले 11 मार्च को अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक होगी। इसमें प्रतिनिधि सभा में आने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। प्रतिनिधि सभा के अंतिम दिन 14 मार्च को सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले पत्रकारों से बातचीत कर प्रस्ताव के बारे में जानकारी देंगे। सुनील आम्बेकर शुक्रवार को सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर व आलोक कुमार, क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल कुमार, हरियाणा प्रांत के संघचालक पवन जिंदल भी उपस्थित रहे।
सुनील आम्बेकर ने कहा कि 12 मार्च को प्रतिनिधि सभा का शुभारंभ होगा। जिसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी, विविध संगठनों के पदाधिकारी, सभी क्षेत्र व प्रांतों के संघचालक व कार्यवाह उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। प्रतिनिधि सभा में शताब्दी वर्ष कार्य विस्तार योजना 2022-23 की समीक्षा व अनुभव के आधार पर 2023-24 की कार्य योजना बनेगी।
इस वर्ष की समीक्षा के साथ-साथ 2025 तक नए लोगों को संघ से जोड़ना, वर्ष 2023-24 की कार्य योजना तैयार करने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि संघ की रीढ़ शाखा है और शाखा सामाजिक परिर्वतन का केंद्र है। शाखा के स्वयंसेवक सामाजिक परिस्थितियों के अध्य्यन के आधार पर विषयों का चयन करते हैं, और समाज परिवर्तन के लिए कार्य करते हैं। समाज को स्वावलंबी बनाने, सेवा कार्यों का विस्तार, समाज में सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने, पर्यावरण संरक्षण, अमृतकाल के अंतर्गत देशभर में क्या कार्य किए जाएं ये सभी विषय शाखा के माध्यम से स्वयंसेवकों द्वारा समाज में चलाए जाते हैं। आम्बेकर ने बताया कि महर्षि दयानंद के जन्म को 2024 में 200 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं तथा भगवान महावीर स्वामी के 2550वें निर्वाण वर्ष के बारे में भी विशेष वक्तव्य जारी किये जाएंगे।