मजहबी संगठन पीएफआई पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे

मजहबी संगठन पीएफआई पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे

मजहबी संगठन पीएफआई पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे

पीएफआई पूरे देश में अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के चलते जाना जाता है। देशभर में होने वाले मजहबी आंदोलनों, धरनों, प्रदर्शनों व हिंसा में प्रायोजक के तौर पर पीएफआई का नाम सामने आता रहा है। CAA के विरोध में धरने प्रदर्शन हों, हाथरस व दिल्ली के दंगे हों या अब जिहादी व देश विरोधी तत्वों द्वारा हाईजैक हो चुका किसान आंदोलन, सबको फंड उपलब्ध करवाने में पीएफआई का नाम सबसे आगे है।

पिछले दिनों एक जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने 17 बैंकों में 73 बैंक खातों की पहचान की थी जिनमें विदेशों से 120 करोड़ रुपए जमा किए गए थे। इन खातों में 27 पीएफआई और 9 पीएफआई से जुड़े रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF) के थे। बाकी खाते अन्य अलग अलग नामों से थे। इन खातों में पैसे कैश जमा किए गए थे। RIF के खाते में 50 लाख रुपए जमा कराए गए थे। जबकि RIF को विदेशों से चंदा लेने की मंजूरी ही नहीं थी। जानकारी में यह भी आया कि पूरी रकम सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान निकाल ली गई थी। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने कल देशभर में पीएफआई के कार्यालयों पर छापे मारे।

यह कार्रवाई नौ राज्यों में एक साथ 26 स्थानों पर की गई। इनमें राजस्थान सहित केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, दिल्ली, बिहार, यूपी और महाराष्ट्र शामिल हैं। जयपुर में पीएफआई के स्टेट ऑफिस पर ईडी की टीम ने 264 पेज के चार अलग अलग दस्तावेज, कम्प्यूटर हॉर्ड डिस्क, बैंक अकाउंट्स के डिटेल, फीस रसीदें और आईटीआर आदि जब्त की हैं।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पीएफआई के कार्यालय पर छापे के बाद पीएफ़आई के लोगों ने ईडी के अधिकारियों को धमकाते हुए रैली निकाली और संगठन के समर्थन में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए तथा पीएफ़आई के झंडे भी लहराए। इस रैली का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें रास्ते जाम करने की धमकी दी जा रही है। वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है कि पीएफ़आई पर आँच भी आई तो औरंगाबाद की बस्तियों से आदमी, औरत और बच्चे सभी निकल कर आएँगे और सरकार को मुँह तोड़ जवाब देंगे।सोशल मीडिया पर ऐसे उन्मादी संगठन को बैन करने की मांग की जा रही है।

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