मैसूर में उपद्रवियों ने पुस्तकालय जलाया, जिसमें थीं श्रीमद्भगवद गीता की 3000 प्रतियां

मैसूर में उपद्रवियों ने पुस्तकालय जलाया, जिसमें थीं श्रीमद्भगवद गीता की 3000 प्रतियां

मैसूर में उपद्रवियों ने पुस्तकालय जलाया, जिसमें थीं श्रीमद्भगवद गीता की 3000 प्रतियां

मैसूर में उपद्रवियों ने एक जन पुस्तकालय को आग लगा दी, जिसमें श्रीमद्भगवद गीता की 3000 प्रतियों समेत 11,000 से अधिक पुस्तकें जल कर राख हो गईं। पुस्तकालय का संचालन सैयद इशहाक नाम के व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। सैयद इशहाक स्वयं एक दिहाड़ी मजदूर हैं लेकिन जन सहयोग से यह लाइब्रेरी चला रहे थे। घटना शुक्रवार (अप्रैल 9, 2021) की है।

मैसूर में उपद्रवियों ने पुस्तकालय जलाया, जिसमें थीं श्रीमद्भगवद गीता की 3000 प्रतियां

सैयद ने बताया कि सुबह 4 बजे एक व्यक्ति ने उन्हें पुस्तकालय में आग लगने की सूचना दी, वे वहॉं पहुंचे तब तक आग जोर पकड़ चुकी थी। उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तकालय में श्रीमद्भगवद गीता के 3,000 से अधिक उत्कृष्ट संग्रह थे, कुरान और बाइबिल की 1,000 प्रतियों के अलावा विभिन्न शैलियों की हजारों पुस्तकें थीं, जिन्हें उन्होंने दान करने वालों से प्राप्त किया था। पुस्तकालय में अधिकांश पुस्तकें कन्नड़ भाषा में थीं। वे यह लाइब्रेरी अमार मस्जिद के पास राजीव नगर में एक निगम पार्क के अंदर एक शेड में चला रहे थे। पुस्तकालय में प्रतिदिन 100-150 लोग पुस्तकें व समाचार पत्र पढ़ने आते थे। सुदर्शन न्यूज के अनुसार कुछ मजहबी जिहादियों को सैयद का पुस्तकालय में श्रीमद्भगवद गीता रखना अच्छा नहीं लगा, इसलिए उन्होंने पुस्तकालय में आग लगा दी। जबकि टीवी9 के अनुसार इशहाक कन्नड़ भाषा के प्रशंसक हैं। टीवी9 को इशहाक ने बताया कि उनके पड़ोस में कुछ लोग रहते हैं, जो इस बात को पसंद नहीं करते कि वे कन्नड़ भाषा को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कई मौकों पर वे लोग मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन मैंने इसकी परवाह नहीं की। आखिरकार उन्होंने अपनी योजना को अंजाम दे दिया।

घटना की आईपीसी की धारा 436 के अंतर्गत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *