पुस्तक ‘पत्रावली’ स्वामी विवेकानंद के पत्रों का संकलन
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प्रीति शर्मा
रामकृष्ण मठ नागपुर द्वारा प्रकाशित पुस्तक पत्रावली स्वामी विवेकानंद के पत्रों का संकलन है। स्वामी विवेकानंद जी का यह पत्र संग्रह उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं के दर्शन कराता है। स्वामी विवेकानंद जी के पत्र उनके बहुमुखी प्रतिभा संपन्न दिव्य जीवन पर प्रकाश डालते हैं।
भारत जागरण के जिस विशिष्ट महान कार्य की पूर्ति के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने जन्म लिया, उसकी संपूर्ण छवि इन पत्रों में परिलक्षित होती है। इन पत्रों में मातृभूमि के पुनरुद्धार के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयत्नों की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने अपने पत्रों में मनुष्य निर्माण करने वाले धर्म, दर्शन तथा शिक्षा की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
उनका व्यक्तित्व प्रभावशाली था। इसी कारण उनके पत्रों से हमें प्रेरणा व नवचैतन्य स्फूर्ति प्राप्त होती है। ये पत्र अत्यंत ह्रदय स्पर्शी हैं। इन पत्रों में भारत में संगठन शक्ति से कार्य करने की प्रवृत्ति क्यों नहीं है तथा संगठन का रहस्य क्या है? अपने समाज के दोष दूर किए बिना भारत का उज्जवल भविष्य निर्माण करना कैसे संभव है आदि विविध समस्याओं पर उन्होंने अपने विचार प्रकट किए हैं तथा इनका समाधान बताया है। ये पत्र नवीन भारत के निर्माण के लिए अत्यंत शक्तिशाली रचनाएं हैं।
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