पुस्तक समीक्षा – जम्मू कश्मीर तथ्यपरक विश्लेषण
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तक जम्मू-कश्मीर तथ्यपरक विश्लेषण में लेखक श्री आशुतोष द्वारा जम्मू कश्मीर समस्या की समुचित परिभाषा देते हुए जम्मू कश्मीर की आड़ में भारत के विरुद्ध पड़ोसी देश द्वारा चलाए गए छाया युद्ध, अलगाववाद एवं आतंकवाद की मंशा को व्यक्त किया गया है।
पुस्तक में कुल 112 पृष्ठों के अन्तर्गत जम्मू कश्मीर राज्य के परिचय, सिख और डोगरा राज्य, अंतिम महाराजा हरि सिंह के शासन तथा उनके समक्ष आई चुनौतियों का विस्तृत विवरण दिया गया है।
यह पुस्तक स्वतंत्रता पूर्व एवं स्वातंत्र्योत्तर भारत में जम्मू कश्मीर राज्य के इतिहास, अलगाववादी समस्याओं की समस्या का विस्तृत आंकलन कर ब्रिटिश षड्यंत्र को स्पष्ट करने के साथ राज्य को गहन रूप से समझने में सहायता करती है। पुस्तक में लेखक ने विभिन्न विषयों को तथ्यों के धरातल पर विचार कर सरल भाषा में प्रस्तुत कर जनसामान्य तक सहज जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया है।
यह पुस्तक प्रजा परिषद आंदोलन, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान, अस्थाई अनुच्छेद 370 तथा जम्मू और लद्दाख से वर्षों से होते आए भेदभाव को स्पष्ट करते हुए विषय की गहराई तक पहुंचने में सहायता करती है। लेखक ने स्वतंत्रता के पश्चात एवं पूर्व राज्य से संबंधित समय-समय पर गठित विभिन्न समितियों, आयोगों और समझौतों का भी उल्लेख किया है। यह पुस्तक निश्चय ही पाठकों को जम्मू कश्मीर में वर्षों से चली आ रही समस्याओं एवं विभिन्न परिस्थितियों के मूल कारण को समझने में सहायक सिद्ध होगी। पुस्तक को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जो निश्चय ही जन सामान्य के मन में चल रहे विभिन्न प्रश्नों को सुलझाने में सहायक सिद्ध होगी।
प्रीति शर्मा