प्रदेश में सूर्य रथ सप्तमी पर साढ़े चार लाख ने किया सूर्य नमस्कार योग

 

जयपुर । सूर्य रथ सप्तमी के अवसर पर शनिवार को प्रदेशभर में क्रीड़ा भारती द्वारा सूर्यनमस्कार योग महायज्ञ का आयोजन किया गया। प्रदेश के सरकारी व निजि विद्यालयों, योग केन्द्रों, पतंजलि योगपीठ, स्वास्थ्य योग परिषद, योगस्थली, योगापीस, योग पैराडाइज, संधान योग केन्द्र समेत अनेक सगठनों ने जनसहभागिता से सामूहिक सूर्यनमस्कार योग कराए। जहां वक्ताओं ने सूर्य रथ सप्तमी का महत्व बताते हुए सूर्यनमस्कार योग से होने वाले लाभ के बारे में बताया। लाइसीएम विद्यालय करतारपुरा में क्रीड़ा भारती के क्षेत्र संयोजक मेघसिंह ने सूर्यनमस्कार कराए तथा विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।

उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार ही मन एवं शरीर को स्वस्थ बनाकर इनको एकरूप करता है। यह व्यक्ति को दीर्घायु, मेधावी, बलशाली बनाकर पुरुषत्व शक्ति को बढ़ाता है। नेत्र रोगों व अकाल मृत्यु से बचाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति सूर्यदेव की उपासना करता है, वह सदा निरोगी रहता है। सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। योगऋषि स्वामी रामदेवजी ने सूर्यनमस्कार को आसनों का राजा कहा है। इसका अकेला अभ्यास ही साधक को संपूर्ण व्यायाम के साथ अष्टांग योग का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। सूर्य नमस्कार स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रदेश के सभी जिलों में सूर्यनमस्कार के कार्यक्रमों में हजारों विद्यालयों के करीब साढ़े चार लाख बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।

 

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