भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर का निधन
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर का शुक्रवार की दोपहर भोपाल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 71 वर्ष के थे। केलकर पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे।
उनका अंतिम संस्कार शनिवार, 31 अक्टूबर को उज्जैन के चक्रतीर्थ मुक्तिबोध पर किया जाएगा। केलकर के निधन का समाचार मिलते ही संघ के स्वयंसेवकों व किसान संघ के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर फैल गई। प्रखर वक्ता व कुशल संघटक प्रभाकर केलकर ने प्रचारक जीवन का लम्बा समय मध्यप्रदेश में कार्य करते हुए गुजारा था। मध्यप्रदेश में उनके तैयार किए हुए हजारों कार्यकर्ता आज राष्ट्रकार्य में जुटे हुए हैं।
जीवन परिचय
प्रभाकर केलकर बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आ गए थे। 1975 में आपातकाल के दौरान वे पूरे समय मीसा में निरुद्ध रहे थे। कारावास के दौरान ही उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रकार्य को समर्पित करने का संकल्प ले लिया था और आपातकाल के समाप्त होने के बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में राष्ट्र कार्य में लग गए। स्व. केलकर ने प्रांत के कई जिलों में जिला प्रचारक व विभाग प्रचारक के रूप में कार्य किया और हजारों निष्ठावान समर्पित कार्यकर्ताओं को तैयार किया। वे लम्बे समय तक रतलाम-मंदसौर में विभाग प्रचारक रहे। इसी दौरान राम जन्मभूमि आंदोलन में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई और उन्हीं की प्रेरणा से रतलाम-मंदसौर क्षेत्र के हजारों रामभक्तों ने अयोध्या पहुंचकर कारसेवा में हिस्सेदारी की थी।
वर्ष 1995-96 में उन्हें भारतीय किसान संघ में मध्यप्रदेश के संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया। भारतीय किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री के रूप में उन्होंने पूरे मध्यप्रदेश का सघन प्रवास किया और पूरे प्रदेश के किसानों को संगठित कर जागरूक किया। उनके संगठनमंत्री रहने के दौरान मध्यप्रदेश के किसानों की अनेक समस्याओं के लिए आंदोलन किए गए। बिजली समस्या, कृषि उपज मंडी में किसानों को होने वाली परेशानियों जैसे मुद्दों पर उनके नेतृत्व में किसानों के आंदोलन हुए।
उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए बाद में उन्हें भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय मंत्री का दायित्व सौंपा गया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी भूमिका का सफलता पूर्वक निर्वाह किया। उस समय पूरे देश पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का खतरा मंडरा रहा था, उस समय स्व. ठेंगड़ी जी के नेतृत्व में डब्ल्युटीओ के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन हुआ। उस समय श्री केलकर ने किसानों को भी डब्ल्यूटीओ के विरोध में संगठित किया। श्री केलकर की नेतृत्व क्षमता और संगठन कौशल को देखते हुए वर्ष 2009 में उन्हें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। पूरे संगठन का दायित्व दिए जाने के साथ ही इनका केन्द्र दिल्ली हो गया था।
राष्ट्रीय महामंत्री रहते हुए प्रभाकर केलकर ने सुदूर पूर्वोत्तर के राज्यों से लगाकर देश के प्रत्येक राज्य का प्रवास किया और भारतीय किसान संघ को एक नई दिशा दी। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय किसान का देश के प्रत्येक राज्य में मजबूत संगठन खड़ा हो गया। देशभर के किसानों को संगठित करने के बाद किसानों को लागत के आधार पर फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने के लिए राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन छेड़ दिया गया। इसी आंदोलन के तहत वर्ष 2013 में नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर लाखों किसानों की ऐतिहासिक रैली आयोजित की गई थी। इसी आंदोलन के दौरान केलकर ने किसानों की समस्याओं को लेकर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भेंट की और उन्हें किसानों की समस्याओं से अवगत कराया था।
वर्ष 2014 के बाद उन्हें भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिया गया था। नई दिल्ली में किसान संघ के कार्यालय भवन का निर्माण भी उन्हीं के प्रयासों का परिणाम था। पिछले कुछ समय से उन्होंने भोपाल को अपना केन्द्र बना लिया था।
प्रभाकर केलकर ओजस्वी वक्ता व कुशल संगठक थे। वे बहुत अच्छे गायक भी थे और संघ गीतों का उनका सुमधुर गायन श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता था। वे कवि और गीतकार भी थे। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनके निधन से न सिर्फ किसान संघ को वरन, पूरे देश को अपूर्णीय क्षति हुई है।