लघु उद्योग भारती ने की फायर सेस हटाने की मांग

लघु उद्योग भारती ने की फायर सेस हटाने की मांग

लघु उद्योग भारती ने की फायर सेस हटाने की मांग

जोधपुर, 25 नवम्बर। कोरोना काल में एक ओर बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और रोजगार कम हो रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार के नए नियम से उद्योग क्षेत्र को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल राज्य सरकार ने फायर एनओसी के साथ-साथ फायर सेस लगाने का नया नियम लागू किया है, जिससे इसका प्रभाव उद्योग जगत में देखने को मिल रहा है। ऐसे में लघु उद्योग भारती ने सरकार से फायर सेस के रूप में लगे नए कर को हटाने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 21 जनवरी 2020 को एक नया नियम निकाला है, जिसके अंतर्गत व्यापार जगत से जुड़े लोगों को फायर सेस भरना होगा। इस नए नियम में अब 9 मीटर तक की ऊंचाई तक और जहां 20 लोगों की आवाजाही वाला संस्थान, उद्योग, होटल, कैफे, रूफटॉप रेस्टोरेंट्स, कोचिंग, इंस्टिट्यूट, अस्पताल आदि वे इंडस्ट्री जो इसके दायरे में आती हैं उनको फायर एनओसी के साथ-साथ फायर सेस भरना होगा। इस नए नियम से पहले 15 मीटर तक की ऊंचाई वाले भवनों को और इंडस्ट्री को सिर्फ एनओसी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब नए नियम के अंतर्गत अब उन्हें फायर सेस देना होगा। इस नियम में यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन संस्थानों को फायर सेस एक बार या फिर हर साल भरना होगा।

लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम ओझा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उद्योगों को राहत प्रदान करने के लिए फायर सेस को हटाने की मांग की। ओझा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस वर्ष प्रदेश में जनवरी से फायर सेस नाम से नया कर सभी औद्योगिक व वाणिज्यिक भवनों पर लगाया गया है। इसमें साथ ही स्थानीय निकायों द्वारा फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए 2 रुपये प्रतिवर्ग फुट प्रतिवर्ष व नवीनीकरण पर एक रुपये प्रति वर्गफुट प्रतिवर्ष वसूला जाता है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी में आर्थिक संकट से जूझ रहे उद्योगों पर ऐसे माहौल में इस प्रकार का नया कर उचित नहीं है। ऐसे में इसे अतिशीघ्र हटाकर उद्योगों को राहत देनी चाहिए।

जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बाहेती का कहना है कि प्रदेश में सरकार ने बिजली की दरों को बढ़ा दिया है और अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में पेट्रोल डीजल पर सेस बढ़ा हुआ है। अब फायर सेस लागू करने के कारण से उद्योगों पर भार बढ़ेगा। उेसे में आने वाले दिनों में जब लोगों के पास बिल जाएंगे तब लोगों को पता चलेगा कि सरकार ने नया नियम लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस नियम के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में प्रदेश में उद्योगों पर संकट और ज्यादा गहराएगा और बेरोजगारी ज्यादा बढ़ेगी।

किस पर कितना सेस वसूला जाता है?
– 15 मीटर तक ऊंचे भवनों पर 50 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष ।
– 15 से 40 मीटर तक ऊंचे भवनों पर 100 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष ।
– 40 से 60 मीटर ऊंचे भवन पर 150 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष ।
– 60 मीटर से ऊंचे भवन पर 200 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष ।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *