फिल्म Siya : एक झकझोर देने वाली कहानी
राहुल सिंह कबीरसर
फिल्म Siya : एक झकझोर देने वाली कहानी
‘Siya’ यह फिल्म ‘आंखों देखी’, ‘मसान’ और ‘न्यूटन’ जैसे फिल्मों के निर्माता मनीष मूंदड़ा की एक निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म है।
यह कहानी एक सामान्य परिवार की एक सामान्य सी लड़की सिया की है। सिया एक नाबालिग लड़की है, जो अपने साथ हुए अमानवीय कृत्य के बाद न्याय के लिए संघर्ष करती है। संघर्ष स्थानीय प्रशासन के विरुद्ध, जिसमें सिया के चाचा के मित्र महेंद्र बाबू उसका सहयोग करते हैं। फ़िल्म में महेंद्र बाबू की भूमिका अभिनेता विनीत कुमार ने निभाई है, जबकि सिया की भूमिका में पूजा पांडे हैं, जिनकी यह पहली फिल्म है।
फिल्म में दिखाई गई सिया की पीड़ा हमें अंदर से झकझोर देती है। सिया की सिसकियों में हमें सैकड़ों पीड़ित परिवारों की आवाज सुनाई देती है। सिया का एक डायलॉग, ‘हमें न्याय चाहिए’ सुनते ही ऐसा लगता है जैसे सैकड़ों पीड़ित परिवार सिया के पीछे खड़े हैं और वे न्याय की गुहार कर रहे हैं।
यह फ़िल्म पुलिस प्रशासन की कमियों को तो उजागर करती है, लेकिन भारतीय न्याय प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़े नहीं करती। यह फिल्म व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा करने वाले विचार का खंडन करती है।
निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म के लिए ऐसे विषय का चयन सराहनीय है। ऐसी सामाजिक फिल्में बनती रहनी चाहिए।