बाबासाहेब की पुण्यतिथि पर वाल्मीकि विद्यालय ने आयोजित किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
बाबासाहेब की पुण्यतिथि पर वाल्मीकि विद्यालय ने आयोजित किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
गुवाहाटी, 5 दिसंबर। शहर के भरालूमुख क्षेत्र के सोनाराम खेल के मैदान में रविवार को सैकड़ों सफाई कर्मचारियों के बच्चों की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने हजारों दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में 200 विद्यार्थियों ने भोरताल नृत्य किया और 500 ने एक समूह सत्रीय नृत्य कर समां बांध दिया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर वाल्मीकि संगीत विद्यालय द्वारा आयोजित, इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा उपस्थित थे। कार्यक्रम का शीर्षक সমতাৰ ছন্দেৰে জীৱনৰ জয়গান (समानता के साथ जीवन का उत्सव) था। सरमा ने वाल्मीकि संगीत विद्यालय की पहल की सराहना की। शहर के 20 स्लम एरिया से चयनित सफाई कर्मचारी परिवारों के प्रतिभावान बच्चों ने बिहू, बिहारी व पंजाबी लोकनृत्य भी प्रस्तुत किए। सीएम सरमा ने डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति की भी सराहना की, जो पूर्वोत्तर भारत के अविकसित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुधार के लिए काम कर रही है।
कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह, राम दत्त चक्रधर ने टिप्पणी की कि भारत अतीत में एक महान राष्ट्र था। आज प्रत्येक भारतीय को देश को विश्वगुरु अर्थात दुनिया में सबसे महान देश बनाने के लिए काम करना चाहिए। समरसता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हुतात्मा भगत सिंह ने फांसी से पहले एक सफाई कर्मचारी के हाथ से अंतिम भोजन लेने की इच्छा प्रगट की थी।
प्रसिद्ध असमिया लेखक-पत्रकार अनुराधा सरमा पुजारी ने टिप्पणी की कि प्रकृति में कोई असमानता नहीं है। यहां पेड़ और जानवर सद्भाव के साथ जीते हैं। सरमा पुजारी ने बाबासाहेब द्वारा लिखित भारत के संविधान को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ करार दिया।
प्रारंभ में गणमान्य व्यक्तियों ने अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। आयोजन समिति के अध्यक्ष राम सिंह ने स्वागत भाषण दिया। धन्यवाद प्रस्ताव सचिव शिव बासफोर ने दिया।