जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा को अर्पित की पुष्पांजलि

जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा को अर्पित की पुष्पांजलि
जनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा को अर्पित की पुष्पांजलिजनजाति सुरक्षा मंच के कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा को अर्पित की पुष्पांजलि
  • बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि के साथ हुंकार रैली को सफल बनाने का आह्वान
उदयपुर, 10 जून। कन्वर्ट हो चुके जनजाति बंधुओं को पुनः अपने धर्म से जोड़ने में जीवन खपाने वाले महामनीषी बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर 9 जून शुक्रवार को जनजाति सुरक्षा मंच की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही कन्वर्जन के विरुद्ध जनजागरण का संकल्प व्यक्त किया गया। जनजाति सुरक्षा मंच ने इस अवसर पर 18 जून को उदयपुर में होने वाली डीलिस्टिंग हुंकार महारैली को सफल बनाने का आह्वान किया।
जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के प्रदेश संयोजक लालूराम कटारा ने बताया कि बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उदयपुर के गवरी चौराहा स्थित वनवासी कल्याण परिषद परिसर में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। जनजाति सुरक्षा मंच के मार्गदर्शक व सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सहाय ने इस अवसर पर बिरसा मुण्डा के जीवन दर्शन एवं उनके संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि आज भी जनजाति समाज उनके प्रति भगवान की तरह श्रद्धा रखता है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों द्वारा चलाए गए कन्वर्जन के षड्यंत्र के विरुद्ध जनजाति समाज को सचेत किया था। उन्हें इस कन्वर्जन के चंगुल से बचाने के लिए संघर्ष करते हुए स्वधर्म एवं मातृभूमि के लिए उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिये। कन्वर्जन का दंश जनजाति समाज के लिए हानिकारक है। इसी को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान ने 18 जून को उदयपुर में डीलिस्टिंग हुकार महारैली का आह्वान किया है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से महारैली को सफल बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि तब भी भगवान बिरसा मुंडा ने यह समझ लिया था कि कन्वर्जन न केवल समाज के लिए, बल्कि राष्ट्र के लिए भी नुकसानदेह है, ऐसे में हमें भी इस बात को समझना और सभी को समझाना है। उन्होंने कहा कि डीलिस्टिंग महारैली का उद्देश्य संविधान के आर्टिकल 342 में संशोधन करवाना है। जब आर्टिकल 341 में यह कहा गया है कि यदि एससी का व्यक्ति अपनी धार्मिक आस्था बदल ले तो वह एससी के नाते प्रदत्त सुविधाओं का लाभ नहीं ले सकता, तो ऐसा ही प्रावधान आर्टिकल 342 में एसटी के लिए क्यों नहीं रखा गया। महारैली के माध्यम से संविधान के आर्टिकल 342 की इस विसंगति को दूर करने की मांग की जाएगी।
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