बीपी व शुगर को कंट्रोल करने में सहायक है अर्जुन छाल
डॉ. शुचि चौहान
बीपी व शुगर को कंट्रोल करने में सहायक है अर्जुन छाल
आयुर्वेद में अर्जुन छाल का बड़ा महत्व है। इसका पाउडर अनेक रोगों में हितकारी है। प्रतिदिन सुबह इसका उपभोग अनेक रोगों से बचाव में सहायक हो सकता है। अर्जुन की छाल में नैचुरल फ्लेवोनोइड्स (Flavonoid) और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से लड़ने में हमारी सहायता करते हैं। इसमें हेक्सोकाइनेज, एल्डोलेज, फॉस्फोग्लुकोसोमेरेज जैसे एंजाइम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक आदि मैक्रो न्यूट्रिएंट तथा टैनिन, कार्डिनोलाइड, ट्राइटरपेनॉइड सैपोनिन, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड, ऑलिगोमेरिक प्रोएंथोसायनिडिन व फाइटोस्टेरोल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
शोध में पाया गया है कि ट्राइटरपेनॉइड हृदय के स्वास्थ्य में तथा इसमें पाए जाने वाले एंजाइम मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रख, रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में नितांत उपयोगी हैं। गैलिक एसिड और एलाजिक एसिड में शरीर की सूजन दूर करने व कैंसररोधी गुण होते हैं। फायटोस्टेरॉल कोलेस्टोरॉल कम करने व मोटापा घटाने में सहायक होते हैं।
अर्जुन की छाल के प्रतिदिन सेवन से अनेक रोगों से बचा जा सकता है।
कैसे करें उपभोग
यूं तो अर्जुन की छाल के उपभोग के अनेक तरीके हो सकते हैं, लेकिन सबसे आसान है चाय बनाना।
चाय बनाने के लिए एक गिलास पानी को अच्छे से उबाल लें। अब इसमें आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर डालें। असर बढ़ाने के लिए एक चौथाई चम्मच दालचीनी का पाउडर भी डाल सकते हैं। चौथाई पानी उड़ जाने तक इसे उबालें, चौथाई गिलास दूध डालें, फिर उबालें। अब इसमें स्वादानुसार गुड़ मिला सकते हैं। इस चाय को छानकर पिएं। आप चाहें, तो मीठा स्किप भी कर सकते हैं। इसकी स्वाभाविक मिठास भी अच्छी लगती है।