ब्रज संवादोत्सव 22 अप्रैल को, होगी फिल्मों से स्व के बोध पर चर्चा

ब्रज संवादोत्सव 22 अप्रैल को, होगी फिल्मों से स्व के बोध पर चर्चा

ब्रज संवादोत्सव 22 अप्रैल को, होगी फिल्मों से स्व के बोध पर चर्चाब्रज संवादोत्सव 22 अप्रैल को, होगी फिल्मों से स्व के बोध पर चर्चा

  • ब्रज संवादोत्सव में आएँगे कई प्रतिष्ठित वक्ता
  • गरूड़ प्रकाशन की कृष्णांशी पुस्तक का होगा विमोचन

भरतपुर। अक्षय तृतीया (22 अप्रैल) के शुभ अवसर पर आरम्भ होने वाले ब्रज संवादोत्सव में भाग लेने हेतु हज़ार से अधिक लोग अपना पंजीयन करा चुके हैं, जिनमें अधिकांश युवा हैं। दो दिवसीय संवादोत्सव में कुल चार सत्र होंगे। इनके अतिरिक्त नाट्य व नृत्य की भी प्रस्तुति होगी।

संवादोत्सव की सह संयोजिका मीनू ने गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि यह उत्सव बृज व हिन्दी भाषा में रचित पुस्तकों के दर्शन व पठन में सहायक सिद्ध होगा। आयोजन स्थल श्री गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल में तैयारियां जोरों पर हैं। संवादोत्सव में अनेक प्रकाशकों की पुस्तकों के स्टॉल तो होंगे ही, सहभागी, विभिन्न वक्ताओं के उद्बोधन, पुस्तक विमोचन, पैनल डिस्कशन, सेल्फ़ी पोईंट, बृज से सम्बन्धित प्रदर्शनी, प्रतियोगिताओं व मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद ले सकेंगे।

उत्सव समिति के संयोजक जैनेन्द्र ने बताया कि 22 अप्रैल को ब्रज संवादोत्सव की शुरुआत प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक व सीनियर कॉलमनिस्ट अनन्त विजय, राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी के अध्यक्ष डॉ. रामकृष्ण शर्मा व राजस्थान फ़िल्म फेस्टिवल की संस्थापक अंशु हर्ष द्वारा माँ सरस्वती एवं गिर्राज महाराज के चित्र पर पुष्पार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर की जाएगी। उद्घाटन सत्र के पश्चात सायं 3:30 से 5 बजे तक फिल्मों से स्व का बोध विषय पर पैनल डिस्कशन होगा, जिसमें अतिथि अनंत विजय व अंशु हर्ष एवं मॉडरेटर पुनीत कुमार होंगे।

उत्सव में भरतपुर से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे बम नृत्य एवं ब्रज रैपरिया द्वारा ब्रज भाषा में रैप गायन होगा। अभिज्ञान शकुन्तलम नाट्य की प्रस्तुति के साथ ही इंस्टाग्राम रील्स की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जिसमें विद्यालय एवं महाविद्यालय विद्यार्थी भाग ले सकेंगे।प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाणपत्र व पुरस्कार भी दिए जाएंगे। दो दिनों के आयोजन में अपने अपने क्षेत्र के सिद्धहस्त लोग अपने विचार प्रकट करेंगे, जिनमें उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुबुही खान, साहित्यकार इंदु शेखर तत्पुरुष एवं संगीता प्रणवेंद्र शामिल हैं। दिन के चर्चा सत्रों में भाग लेने हेतु पंजीयन की ऑनलाइन एवं ऑफलाइन सुविधाएं हैं। प्रवेश पंजीयन के माध्यम से ही सुरक्षित रहेगा। आयोजन की विविध व्यवस्थाओं में समिति के सदस्य युवा वॉलंटियर सक्रिय हैं।

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