भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में 1100 स्वयंसेवकों ने दीं अपनी सेवाएं
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में 1100 स्वयंसेवकों ने दीं अपनी सेवाएं
पुरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक आपदाओं के अवसर पर तो सेवा-सहायता के लिए तत्पर रहते ही हैं, सामाजिक-धार्मिक आयोजन में भी वे अग्रणी रहते हैं। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा (पुरी) में भी स्वयंसेवक पिछले कई वर्षों से सेवा व व्यवस्था कार्य में सहभागी हो रहे हैं।
इस वर्ष पुरी रथयात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने 8 प्रकार के सेवा कार्यों में सहभागिता की। सेवा कार्य में पूर्ण गणवेश में 1100 स्वयंसेवक काम कर रहे थे। स्वयंसेवकों ने रथयात्रा के दौरान भीड़ में एंबुलेंस के लिए 500 मीटर की मानव शृंखला बनाकर मार्ग बनाया, ताकि अस्वस्थ और बेहोश लोगों को एंबुलेंस से अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। इसके अलावा अस्पताल में प्राथमिक उपचार, एंबुलेंस सेवा, स्ट्रेचर सेवा, भोजन, पेयजल वितरण, श्रद्धालुओं को भीड़ में गर्मी से राहत के लिए जल छिड़काव, खोए हुए व्यक्ति-बच्चों की तलाश, रोगी सहायता आदि सेवाएं भी उपलब्ध कराई।
संघ के स्वयंसेवक सुबह से शाम तक लगातार काम करते रहे। स्वयंसेवक 2005 से प्रशासन के साथ मिलकर सेवा कार्य कर रहे हैं। इन 8 प्रकार की सेवाओं में से प्राथमिक उपचार, स्वच्छता का कार्य अगले 9 दिनों तक चलेगा। भुवनेश्वर, कटक और ब्रह्मपुर सें स्वयंसेवक डॉक्टर उपस्थित रहकर प्राथमिक उपचार कर रहे हैं। सेवा कार्य में सहभागी होकर डॉक्टरों का हौसला बढ़ा और उन्होंने 9 दिनों तक सेवा देने का संकल्प किया।
19 जून की शाम को स्थानीय सरस्वती बाल विद्या मंदिर, घोड़ा बाजार में संघ के पदाधिकारियों ने सभी स्वयंसेवकों को 8 भागों में दायित्वों के बारे में समझाया। संघ और विविध संगठनों को मिलाकर लगभग 2500 कार्यकर्ता सेवा कार्य में लगे। प्रान्त सेवा प्रमुख शांतनु माझी, व अन्य कार्यकर्ताओं की देखरेख में सेवा कार्य में स्वयंसेवक लगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ओडिशा पूर्व के प्रचार प्रमुख रवि नारायण पंडा ने बताया कि सेवा शुभारंभ के बाद सभी स्वयंसेवक रथयात्रा में सेवा कार्यों में लगे।