भरतपुर के कामां क्षेत्र में वंचित समाज की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म
कामां थाना क्षेत्र में 23 मई को पेट दर्द की शिकायत पर वंचित वर्ग की 13 वर्षीय किशोरी को परिजन निजी चिकित्सालय में दिखाने ले गए। चिकित्सक ने सोनोग्राफी जाँच में किशोरी के 17 सप्ताह के गर्भ होने की बात परिजनों को बताई तो उनके होश उड़ गए। बात सामने आने पर किशोरी ने डरते हुए आपबीती बताई कि लगभग चार महीने पूर्व खेत के रास्ते से नए मकान जाते समय गांव के ही तीन युवक सद्दाम पुत्र रशीद, तौफिक पुत्र दीनू व मम्मन पुत्र कल्ला ने रास्ता रोका और जबरन उठाकर सरसों के खेत में ले गए। जहाँ उन्होंने बारी-बारी से दुष्कर्म किया।
घटना के कुछ दिनों बाद जब वह दुकान पर सामान लेने गई तब भी मम्मन उसे उठाकर ले गया और तीनों ने फिर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इस तरह आरोपियों ने अनेक बार किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, जिससे बालिका मानसिक अवसाद में आ गई और भयभीत रहने लगी। 24 मई को बालिका के परिजन जब आरोपियों के परिजनों से शिकायत करने गए तो उन्हें जातिगत टिप्पणियों से अपमानित कर जान से मारने और गांव से निकालने की धमकी दी गई।
नाबालिग लड़की के पिता ने गांव के 6 लोगों के विरुद्घ सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस को बताने पर जान से मारने और गांव से निकाल देने की धमकी देने की नामजद रिपोर्ट पुलिस में लिखाई है।
कामां थानाधिकारी धर्मेश दायमा के अनुसार लड़की की पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर जाँच वृत्ताधिकारी देवेन्द्र सिंह राजावत को सौंपी गई है।