सांगानेर के वॉर्ड 65 में स्थित मंदिरों के लाउडस्पीकर पुलिस प्रशासन ने बंद करवाए
जयपुर, 26 मई। आज पूरे देश में मुस्लिम तुष्टीकरण के चलते हिन्दू समाज हिंसा का शिकार है। आए दिन उस पर जिहादी हमले हो रहे हैं। कहीं मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई जा रही हैं तो कहीं चर्च, कहीं सेवा के नाम पर, तो कहीं जिंदा रहने की एकमात्र शर्त बना देने के कारण (बंगाल, केरल) हिन्दुओं का बड़े पैमाने पर मतांतरण हो रहा है। कुछ राजनीतिक पार्टियों ने मुस्लिम तुष्टीकरण को सत्ता में रहने की चाबी मान लिया है। इसके लिए वे हिन्दू और हिन्दू संस्कृति का दमन करने से जरा भी नहीं हिचकतीं। उन्हें बस सत्ता चाहिए, उनकी नीतियों से भले ही देश व समाज को कितना ही नुकसान क्यों न पहुंचे।
राजस्थान सरकार भी इसमें पीछे नहीं। ताजा मामला जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के भांकरोटा का है। यहॉं गणेशजी, ठाकुरजी, माताजी व हनुमान जी के प्राचीन मंदिर हैं, जहॉं सदियों से प्राचीन पद्धति व परंपराओं से ढोल, नगाड़ों के साथ पूजा व आरती होती आई है। आरती के समय लाउडस्पीकर भी चालू रहते हैं। लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से लॉकडाउन की आड़ में पुलिस प्रशासन इन्हें जबरन बंद करवा रहा है, जबकि मस्जिदों में दिन में 5 बार बड़े-बड़े लाउडस्पीकरों से अजान पर कोई रोक टोक नहीं है।
सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने बताया कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर चेताया है कि लॉकडाउन की आड़ में धर्म के आधार पर पुलिस व प्रशासन की इस प्रकार की तुष्टीकरण की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उस क्षेत्र की जनता में प्रशासन के इस दोहरे रवैए से रोष व्याप्त है।
लाहोटी ने मंगलवार को क्षेत्र का दौरा कर सभी मंदिरों के पुजारियों व स्थानीय लोगों से चर्चा कर उन्हें आश्वस्त किया कि इस प्रकार के दोहरेपन को चलने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों में आरती के समय बजने वाले लाउडस्पीकर यथावत बजेंगे और यदि प्रशासन ने जबरन कोई कार्रवाई करने का प्रयास किया तो उस कार्रवाई का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यह वही राजस्थान सरकार है जिसने 2020-21 के बजट में नागौर, अजमेर, झालावाड़, सीकर, झुंझनूं, सांभर की दरगाहों को मजहबी सर्किट से जोड़ने के लिए सौ करोड़ रुपयों की मंजूरी दी है। और गायों को दिए जाने वाले अनुदान में कटौती की है।