‘मणिकर्णिका – एक शाम शौर्य के नाम’ नाटिका का हुआ भव्य आयोजन

'मणिकर्णिका - एक शाम शौर्य के नाम' नाटिका का हुआ भव्य आयोजन

'मणिकर्णिका - एक शाम शौर्य के नाम' नाटिका का हुआ भव्य आयोजन‘मणिकर्णिका – एक शाम शौर्य के नाम’ नाटिका का हुआ भव्य आयोजन

भीलवाड़ा। 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अमर वीरांगना, शौर्य की अद्भुत प्रतिमान झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई (मणिकर्णिका) की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा 4 दिसम्बर, रविवार को नगर परिषद टाउनहॉल में एक नृत्य नाटिका ‘मणिकर्णिका-एक शाम शौर्य के नाम’ का आयोजन किया गया, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई के बचपन से लेकर अंत तक की कहानी का मंचन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय शिक्षक संघ,  राजस्थान के संगठन मंत्री घनश्याम थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीप्ति ने की।

मुख्य अतिथि घनश्याम ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने आदर्श सही प्रकार से चुनने की आवश्यकता है। जीवन मूल्यों का ऐसा वातावरण बनना चाहिए कि हर घर से एक मणिकर्णिका निकले। उन्होंने माताओं से आह्वान किया कि हर महिला आत्मरक्षा और शस्त्र चलाना सीखे। साथ ही राष्ट्रीयता का पोषण करने वाले किसी कार्य से अवश्य जुड़ें।

मुख्य वक्ता वंदना वजीरानी ने कहा कि मणिकर्णिका के कई दृश्यों ने जन जन को प्रेरित किया। राष्ट्रसेवा सर्वोपरि है। हमें अपनी संस्कृति को, अपनी मातृभाषा को जीवंत करने की आवश्यकता है। इसमें मातृशक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

नृत्य नाटिका में नन्हीं बालिकाओं और तरुणियों ने विभिन्न पात्रों के माध्यम से रानी लक्ष्मीबाई के चरित्र को मंच पर जीवंत कर दिया। दर्शकों ने इस अद्भुत कार्यक्रम को अत्यंत सराहा।

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