देश को मतांतरण के अभिशाप से मुक्त करना है – विश्व हिन्दू परिषद
जूनागढ़ (गुजरात)। विश्व हिन्दू परिषद ने मतांतरण पर पूर्ण विराम लगाने के लिए प्रयासों को गति देने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं, घर वापसी अभियान को भी धार दी जाएगी। विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता देश को मतांतरण के अभिशाप से मुक्ति दिलाने हेतु जुट गए हैं। जो लोग किसी कारणवश अपने पूर्वजों से कटकर मतांतरित हो गए थे, अब हम उन सभी के लिए एक देशव्यापी घर-वापसी अभियान चलाएंगे, जिससे भय, लोभ-लालच, धोखे तथा षड्यंत्र पूर्वक धर्मांतरित हुए हिन्दू स्वेच्छा से अपने मूल की ओर लौटकर स्वधर्म की गौरवशाली परंपरा का निर्वहन कर सकेंगे।
विहिप की तीन दिनों से गुजरात में चल रही केन्द्रीय प्रन्यासी मण्डल व प्रबंध समिति की संयुक्त बैठक के बीच जूनागढ़ में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि जूनागढ़ अपने पुरुषार्थ से स्वतंत्र हुआ था। जूनागढ़ पाकिस्तान के साथ रहेगा या भारत में, इस बात को लेकर जब नेहरू जी अधर में झूल रहे थे, तब यहाँ के लोगों ने अपने प्रखर जनमत से ना सिर्फ यहीं रहने का निर्णय दिया, अपितु, जूनागढ़ के निजाम को पाकिस्तान भागने के लिए भी विवश कर दिया। माँ भारती की इन संतानों पर हमें गर्व है।
विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि भारत धर्म का देश है, आध्यात्म का देश है। गत वर्ष पांच अगस्त को जब हमारे प्रधानमंत्री ने श्री राम जन्मभूमि को दंडवत प्रणाम किया तो सम्पूर्ण विश्व ने इस बात का प्रत्यक्ष साक्षात्कार किया कि भारत धर्म का ही देश है। हमें अपने अनुसूचित समाज के बंधु-भगिनियों को आगे लाना होगा तभी, देश प्रगति करेगा. हम एक हजार नवयुवकों को समाज जागरण के निकालेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आर एन सिंह ने कहा कि हिन्दू सहिष्णु है, लेकिन कोई यह न सोचे कि कोई दूसरा आकर उसका दमन कर पाएगा। आज अपनी संस्कृति को, अपने धर्म को और अपने देश को बचाने के लिए हमें सक्रिय और सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमें कुछ लोगों की क्रूरता और धूर्तता से निपटना है, अपने कौशल और पुरुषार्थ से। साथ ही उन्होंने हलाल इकोनॉमिक्स से सावधान रहने के आह्वान के साथ हलाल सर्टीफिकेशन वाले उत्पादों के बहिष्कार का आग्रह किया।
गुजरात कृषि विश्वविद्यालय के प्रांगण में आयोजित आमसभा में विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन, जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति नरेंद्र भाई गोटिया, सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी व जन समुदाय उपस्थित था।