मध्यप्रदेश में तिलक तथा झारखंड में बिन्दी लगाने पर स्कूल में प्रवेश नहीं
मध्यप्रदेश में तिलक तथा झारखंड में बिन्दी लगाने पर स्कूल में प्रवेश नहीं
हिन्दुस्तान में हिन्दू परम्पराओं का खुलेआम गला घोटा जा रहा है। स्कूल भी इसके अपवाद नहीं, विशेषकर वे, जो हिन्दू विरोधी एजेंडाधारियों द्वारा संचालित हैं। इन लोगों की दृष्टि में तिलक और बिन्दी लगाना अपराध है। ऐसा करने पर उनके द्वारा संचालित स्कूलों में हिन्दू बच्चे आए दिन प्रताड़ित हो रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले के सोयत थाना क्षेत्र के डोंगर गाँव स्थित जय किसान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्थित एक स्कूल की। यह स्कूल सुसनेर के पूर्व विधायक एवं कॉन्ग्रेस नेता वल्लभ भाई अंबावतिया का है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यहॉं राहुल गांधी का भाषण करवाया गया था। इस स्कूल में प्रार्थना सभा चल रही थी, कुछ बच्चों ने तिलक लगाया हुआ था। तभी बच्चों से चेहरा धोकर आने के लिए कहा गया, साथ ही चेतावनी दी गई कि जो चेहरा धोकर तिलक नहीं मिटाएगा, उसे कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और वास्तव में जिन बच्चों ने तिलक नहीं मिटाया, उन्हें कक्षा में नहीं जाने दिया गया। एक बच्चे ने बताया कि उसका तिलक तो स्वयं प्रिंसिपल अर्चना सोनगरा ने मिटा दिया। घटना की जानकारी मिलते ही बच्चों के अभिभावक और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने वहाँ पहुँच कर विरोध जताया। जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने लिखित में दिया है कि तिलक लगा कर आने वाले छात्रों को नहीं रोका जाएगा।
इसी तरह झारखंड के धनबाद के तेतुलमारी के सेंट जेवियर्स स्कूल में तो बिन्दी लगाकर आने पर एक छात्रा को इतना अपमानित किया गया कि उसने आहत होकर आत्महत्या कर ली। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसके आधार पर केस दर्ज किया गया है। छात्रा अनुसूचित जाति समाज से आती है। वह दसवीं की छात्रा थी। छात्रा के पिता की काफी समय पहले मृत्यु हो गई थी। 3 भाई–बहनों को उसकी माँ पढ़ा रही थी। मृतका की माँ ने बताया कि उनकी बेटी को बिन्दी लगाने के चलते थप्पड़ मारे गए। वह रोते हुए घर आई तो वह भी उसके साथ स्कूल गईं। प्रिंसिपल से क्षमा माँगी। लेकिन प्रिंसिपल ने माँ–बेटी को अपमानित कर बाहर निकाल दिया। इसके बाद छात्रा घर लौटी और फाँसी लगा ली।
घटना से नाराज लोगों ने स्कूल के बाहर धरना दिया। वे स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग कर रहे थे। धरना प्रदर्शन के बाद स्कूल के प्रिंसिपल आर.के. सिंह और महिला टीचर सिंधु पर कार्रवाई हुई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भी मामले का संज्ञान लिया है।