महंत शम्भूनाथ जी सेलानी व ओमदास जी महाराज ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पित की

महंत शम्भूनाथ जी सेलानी व ओमदास जी महाराज ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पित की

महंत शम्भूनाथ जी सेलानी व ओमदास जी महाराज ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पित की
राजस्थान के सूखे रेतीले विस्तार में अनेकों साधु, संत व महंत हुए हैं जो यहॉं की विषमताओं को परास्त करते हुए धर्म की विजयगाथा लिख रहे हैं। धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष हो या सामाजिक उत्थान के कार्य, समाज के प्रत्येक वर्ग के संतों की भूमिका अग्रणी रही है। इस हेतु यहॉं अनेक मठों व पीठों की स्थापना हुई। ऐसे ही मठ व पीठ हैं – श्री चंचल प्राग मठ (बाड़मेर) तथा सांगलिया पीठ (लोसल)। इनके महंतों परम पूज्य 1008 श्री शम्भूनाथ जी सेलानी व श्री ओमदास जी महाराज ने अयोध्या में बनने वाले श्रीराम मंदिर हेतु निधि समर्पित की। दोनों पूज्य सन्त श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण समिति की राजस्थान समिति के मार्गदर्शक मण्डल में भी हैं। सांगलिया पीठ में निधि समर्पण के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम उपस्थित थे।

श्री चंचल प्राग मठ व महंत बाबा शम्भूनाथ

श्री शम्भूनाथ जी महाराज को सम्मान से यहां बाबजी कहा जाता है। वे सामाजिक एकता, शिक्षा एवं धर्म जागरण के कामों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने चंचल प्राग शिक्षण एवं शोध संस्थान की स्थापना की है। जिसके अन्तर्गत एक छात्रावास भी चल रहा है। छात्रावास में बच्चों की पढ़ाई लिखाई और भोजन की पूरी व्यवस्था मठ की ओर से होती है। चंचल प्राग मठ के पूर्ववर्ती मठाधीशों ने भी जन कल्याण और आपसी भाईचारे को बढ़ाने का कार्य किया है। यह मठ सामाजिक समरसता, आध्यात्मिकता और नैतिकता की शिक्षा का केन्द्र है।

श्री चंचल प्राग मठ व महंत बाबा शम्भूनाथ

यहॉं बाल विवाह, कन्या वध, दहेज, छुआ-छूत और नशे जैसी सामाजिक बुराइयों को छोड़ने पर बल दिया जाता है।महंत शम्भूनाथ जी के अनुसार, इस समय समाज जागरण के केन्द्र के रूप में लगभग 65 मठ राजस्थान, गुजरात, पाकिस्तान में सिन्धु, मीरपुरखास तथा हैदराबाद में चल रहे हैं। इन स्थानों से हजारों की संख्या में लोग बाड़मेर के मुख्य मठ में दर्शनार्थ आते हैं।

सांगलिया पीठ व महंत श्री ओमदास जी महाराज

सीकर जिले में स्थित अखिल भार‍तीय सांगलिया धूणी (पीठ) के महंत श्री ओमदास जी महाराज पूर्व पीठाधीश्‍वर श्री श्री 1008 बंशीदास जी महाराज के परम शिष्‍य थे। श्री बंशीदास जी महाराज ने श्री ओमदास जी महाराज को अपना उत्तराधिकारी बनाया। पीठाधीश्‍वर पद संभालते ही महाराज के पदचिन्‍हों पर चलते हुए ओमदास जी महाराज ने भी बाल विवाह, शराब, कन्‍या भ्रूण हत्‍या, सफाई अभियान, वृक्षारोपण, सामाजिक कुरीतियाँ, शिक्षा, पर्यावरण नीति तथा अध्‍यात्‍म सम्‍बन्धित विषयों पर अपने सुविचार प्रकट कर विभिन्‍न छन्‍दों के माध्‍यम से जन-जन तक पहुँचाने का महान कार्य किया।

महंत शम्भूनाथ जी सेलानी व ओमदास जी महाराज ने राम मंदिर के लिए निधि समर्पित की

आज पूर्व आचार्य बाबा खींवादास जी महाराज के नाम पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्नातकोत्तर महाविद्यालय भी चल रहा है। महाविद्यालय में कुल 1300 छात्र – छात्राएं अध्ययनरत हैं, जिनमें छात्राओं की संख्या 800 है। सांगलिया मठ के अंतर्गत राजस्थान सहित देश के कई प्रांतों में 230 से अधिक आश्रम हैं।

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