महिला सशक्तीकरण

यत्र नार्यस्त पूज्यते रंमंते तत्र देवता।
हमारी संस्कृति में नारी वंदनीय है।
आधुनिक काल में वह उत्तरोत्तर प्रगति कर रही है। नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
2017 में भारतीय जल सेना की 6 अफसरों ने तारिणी नामक नाव पर सवार होकर विश्व परिक्रमा की। उनका साहस और पराक्रम अतुल्य है।
मेरी यह कविता उन वीरांगनाओं को समर्पित है।
लहरों से टकराती नौका
वह था एक सुनहरी मौका
हम सागर से भिड़ जाएंगी
आगे ही बढ़ते जाएंगी।
परिक्रमा करके दुनिया की
वापिस भारत में आएंगी।
जीवन पथ के कठिन प्रश्न
का उत्तर सबको समझाएंगी।
तारिणी मनहारिणी
शक्ति रूप धारिणी
तुम्हें नमन सभी करें
सागर विहारिणी
विश्व भ्रमण नौका पर
लगो तुम सिंह वाहिनी।
सशक्त नारियां सभी
देश की पराक्रमी।
इसी प्रकार पति के वीर गति पाने पर स्वाति महादिक का सेना में भर्ती हो पति के स्वप्न पूरे करने की कोशिश भी अदम्य साहस का परिचय देती है।
स्वाति महादिक
ओ प्रियतम तेरी राह चली मैं
कितने ही दिन बीत गए
तुम तो घर आँगन छोड़ गए
उस धर्मक्षेत्र में चले गए
तुम युद्ध भूमि में सो तो गए।
कब तक पुकारती आंसू भर
तुमको ही जीना चाहा था
बस यूँ ही किसी दिन सोच लिया
कि तेरे ही रंग रंग जाऊँ
तेरे सपने साकार करूँ
तुम देश भक्त मैं पतिव्रता
ये देश हमारा गहना है
तुम स्वर्ग गए तो सिखा गए
कि मुझको कैसे जीना है।
भानुजा श्रुति।
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