जालसाजी कर मोइनुद्दीन बन गया मोहिन सिसोदिया, राजपूताना रायफल्स में पाई नौकरी
जालसाजी कर मोइनुद्दीन बन गया मोहिन सिसोदिया, राजपूताना रायफल्स में पाई नौकरी
अजमेर के बांदरसींदरी थाना क्षेत्र से जाली डॉक्यूमेंट्स के आधार पर सेना में नौकरी पाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहॉं का एक युवक सेना में नौकरी के लिए मोइनुद्दीन से मोहिन सिसोदिया बन गया और सेना में पहले से नौकरी कर रहे भाई आसिफ की सिफारिश से नौकरी पाने में सफल भी हो गया। जालसाजी में अम्मी, अब्बा, भाई, सरपंच आदि की संलिप्तता सामने आई है।
दरअसल मोइनुद्दीन का छोटा भाई आसिफ पहले से सेना में सैनिक है। अच्छा वेतन और सुविधाएं आदि देखकर मोइनुद्दीन भी सेना में भर्ती होना चाहता था। लेकिन वह ओवरएज हो रहा था। ऐसे में कम आयु दिखाने के लिए उसने दस्तावेजों में फर्जीवाड़े का षड्यंत्र रचा। उसने पहले स्वयं को मरा हुआ घोषित किया, इसके लिए एक मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया। जिसके लिए उसके पिता मोहम्मद नूर ने पंचायत से सांठगांठ की। 2019 में सरपंच ने मोइनुद्दीन की मौत की पुष्टि कर दी। फिर अब्बा ने मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर दिया, जिसे पहले ग्राम सचिव और फिर तहसीलदार ने वेरिफाई किया। कहीं कोई जांच नहीं हुई और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो गया। जिस पर मौत की तारीख लिखी गई 18 अगस्त 2019। इसके बाद नई जन्म दिनांक के लिए पहले से दसवीं पास मोइनुद्दीन ने मोहिन सिसोदिया के नाम से एक निजी स्कूल में दोबारा एडमिशन लिया और दसवीं की परीक्षा दी। पास होने के बाद मोहनुद्दीन को मोहिन सिसोदिया के नाम से बोर्ड मार्कशीट मिल गई। इस पर पिता का नाम नूर मोहम्मद, माता का नाम फातिमा बानो ही रहा, लेकिन जन्म दिनांक 6 नवंबर 1998 से बदलकर हो गई 6 नवंबर 2001। इसी मार्कशीट के आधार पर उसने राशन कार्ड में अपना नाम और जन्म तारीख में बदलाव करवा लिया। उसे नया आधार कार्ड भी चाहिए था। जो वह बनवा नहीं सकता था, क्योंकि पुराने आधार कार्ड के रिकॉर्ड में उसका बायोलोजिकल रिकॉर्ड था।यदि वह फ्रिंगर प्रिंट देता तो तुरंत पकड़ में आ जाता। इसलिए उसने दसवीं की नई मार्कशीट के आधार पर स्वयं ही पुराने आधार कार्ड में अपना नाम और जन्म दिनांक बदल लिए। अब आधार कार्ड में भी उसका नाम मोइनुद्दीन से मोहिन सिसोदिया और जन्मतिथि 6 नवंबर 1998 से 6 नवंबर 2001 हो गई, लेकिन आधार कार्ड का नंबर एक ही रहा, जो 364404673716 है। सारे डॉक्यूमेंट तैयार होने के बाद उसने सेना में भर्ती के लिए आवेदन किया। चयन के लिए सेना में सैनिक उसके छोटे भाई आसिफ ने उसकी सिफारिश की। परिणामस्वरूप मोहिन सिसोदिया बने मोइनुद्दीन का भी चयन हो गया। दरअसल सेना में भर्ती के लिए रिलेशनशिप श्रेणी में पांच प्राथमिकताएं हैं। इनमें तीसरी प्राथमिकता के अंतर्गत सेवारत सैनिक अपने एक सगे भाई के लिए सिफारिश कर सकता है। यदि वह सेना के मापदंड पूरे करता है तो उसका चयन हो जाता है। उसने इसी कोटे का लाभ लिया और मोइनुद्दीन से मोहिन सिसोदिया बने अपने बड़े भाई को छोटा भाई बताकर आर्मी रिलेशनशिप कोटे के लिए सिफारिश कर दी। आसिफ वर्ष 2018 में सेना की राजपूताना राइफल्स में चयनित हुआ था। मामला सामने आने के समय वह जयपुर स्थित बटालियन नंबर 24 में कार्यरत था। आसिफ को अब सेना ने बर्खास्त कर दिया है।
यह पूरा मामला सेना को मिली एक चिट्ठी से खुला। जिसमें साली गांव के गफूर खान ने पूरी जानकारी सेना के अधिकारियों को दी। जांच हुई तो फर्जीवाड़ा सामने आ गया।