कला साधक के द्वार पर मोहन भागवत

कला साधक के द्वार पर मोहन भागवत

कला साधक के द्वार पर मोहन भागवत‘पधारो म्हारे देश’ गाकर मोहन भागवत को आमंत्रित करते अनवर खान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का सीमावर्ती बाड़मेर आगमन अचानक नहीं था, इस की पटकथा शुरू होती है दिल्ली में, इसी वर्ष 2 अप्रैल को हुए संस्कार भारती के केंद्रीय कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम से, जहां पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अनवर खान मांगणियार ने एक लोक गीत के माध्यम से मोहन भागवत का नाम लेकर उन्हें “पधारो म्हारे देश” के अपने सुप्रसिद्ध गायन से आमंत्रित किया। जिसके वीडियो अभी सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहे हैं। उस कार्यक्रम के पश्चात जब अभी डॉ. मोहन भागवत राजस्थान के अपने संगठनात्मक कार्य की शृंखला में तीन दिन के जोधपुर प्रवास पर आए तो उन्होंने स्मरण रखा कि अनवर खान के घर बाड़मेर जाना है, और अपने कथनानुसार एक दिन के संक्षिप्त प्रवास पर बाड़मेर आ कर अनवर खान मांगणियार से आज उनके घर जाकर उनसे भेंट करने पहुंचे। जोधपुर से बाड़मेर आकर अनवर खान से भेंट करके सरसंघचालक ने अपना वचन ही नही पूरा किया अपितु यह पारंपरिक लोक भजन गायक कलासाधक का सम्मान भी किया।

डॉ. मोहन भागवत अनवर खान के घर लगभग एक घंटा रुके। घर के बाहर से ही ढोल बजाते हुए स्वागत कर उनको घर लाया गया, जहां पर अनवर खान ने पारंपरिक वेशभूषा में “वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे म्हारा सदगुरु आंगन आया ” गाकर उनका अभिनंदन किया। सुप्रसिद्ध लोक गायक अनवर खान के साथी कलाकारों, परिवारजनों व उनके शिष्यों से भी सरसंघचालक ने परिचय एवं संवाद किया। वहीं अनवर खान ने उन्हें पारंपरिक लोकगीत के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अमृत महोत्सव के भाव जागरण करने वाले देश भक्ति गीत “देश री आजादी रे गीत गुण गाता जाईजो” भी सुनाए। डॉ. भागवत ने बाड़मेर सह जिला संघचालक मनोहर बंसल,  जोधपुर प्रांत और जयपुर प्रांत से साथ आए अन्य संघ प्रचारकों के साथ अनवर खान के घर अल्पाहार लिया और उनके घर स्थित देवालय में अखंड ज्योति के दर्शन कर पुष्प अर्पित किए। तत्पश्चात अनवर खान को शॉल ओढ़ाकर स्मृति स्वरूप चित्र भेंट कर विदा ली।

वचन निभाने आये मोहन – अनवर खान

डॉ. भागवत के आने से अनवर खान व उनके परिवारजन बहुत प्रसन्न नजर आए। अनवर खान ने कहा कि इतने बड़े संगठन के मुखिया का ऐसे सहज रूप से मेरे घर आना, यह मेरा सौभाग्य है और मेरे लिए आनंद व गौरव का क्षण है। कुछ माह पूर्व मेरे घर आने का अपना वादा पूरा करने के लिए मोहन भागवत जी मेरे घर आए हैं। हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा की भागवत जी बच्चों की प्रस्तुति सुन कर भाव विभोर हो गए। उन्होंने हम सभी को नागपुर आने का निमंत्रण भी दिया है।

अनवर खान मांगणियार अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारत के एक लोकप्रिय मारवाड़ी लोक भजन गायक मिरासी समाज से हैं। वे बइया गांव फतेहगढ़ से हैं, जो कि सीमावर्ती जैसलमेर जिले में है। अनवर खान बचपन से गायन कर रहे हैं और खड़ताल व ढोलक वादक भी हैं। वे हिंदी, बंगाली, पंजाबी, सिंधी, राजस्थानी लोक गीतों के गायक हैं और वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। उन्होंने 55 से अधिक देशों में अनेक प्रसिद्ध संस्थाओं के मंच से मनमोहक गीत व भजनों की प्रस्तुति दी है। इनके कार्यक्रमों में महामहिम राष्ट्रपति सहित अनेक लब्ध प्रतिष्ठित सज्जन उपस्थित हुए हैं। अनेक लोकप्रसिद्ध कला साधकों के साथ उन्होंने मंच साझा किया है। वे अपने भजन व लोक गायकी से पूरे विश्व में देश भक्ति, पर्यावरण, साक्षरता आदि विषयों पर जन चेतना, जागरण करने का संदेश भी देते हैं और नई पीढ़ी को गायन हेतु प्रोत्साहित करते हैं।

पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बाड़मेर के नूतन संघ कार्यालय मधुकर भवन में प्रथम आगमन के स्मृति स्वरूप पंडित अशोक दवे के मंत्रोच्चारण व पूजन के साथ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने पारिजात का पौधा रोप कर समाज को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने का संदेश भी दिया और जिला पर्यावरण प्रमुख नरपत सिंह को इस पौधे के संरक्षण का दायित्व दिया। भोजन के पश्चात प्रमुख दायित्ववान कार्यकर्ताओं से भी मिले।

कला साधक के द्वार पर मोहन भागवत

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