राजस्थान : जब दुष्कर्म पीड़िता को ही मिलेगी प्रताड़ना, तो कैसे रुकेंगे रेप
पुलिस गिरफ्त में दुष्कर्म का आरोपी
राजस्थान में प्रतिदिन औसतन 17 दुष्कर्म होते हैं। पीड़िताओं में अधिकांश नाबालिग बच्चियां हैं। नाबालिग से रेप के मामले में कानून भी कम नहीं। पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत दुष्कर्मी को फांसी तक का प्रावधान है। लेकिन राजस्थान में दुष्कर्मियों को जैसे कानून का कोई डर ही नहीं है। वे पांच साल की बच्ची तक को हवस का शिकार बनाने से नहीं चूकते। ऐसे लोग पहले तो अपराध करते हैं और फिर पीड़ित परिवार पर दबाव बनाते हैं राजीनामे का। पुलिस भी आंकड़े कम दिखाने के लिए केस दर्ज करने से बचती है और कई बार राजीनामे का ही दबाव बनाती है। अंत में पीड़ित परिवार इतना परेशान हो जाता है कि या तो राजीनामा कर लेता है या फिर दूसरे स्थान पर पलायन कर जाता है।
ताजा मामला भरतपुर के चिकसाना थाना क्षेत्र का है। 22 फरवरी 2022 को 5 साल की एक बच्ची शौच के लिए खेत पर गई। वहॉं गांव के ही एक शराबी ने उसे पकड़ लिया और दुष्कर्म किया। काफी देर होने पर जब बच्ची घर नहीं पहुंची तो मॉं ढूंढते ढूंढते खेत पर पहुंच गई। मॉं को देखकर शराबी वहॉं से भाग गया। परिजन आरोपी के घर पहुंचे तो आरोपी के परिजन उल्टा पीड़ित परिवार को ही धमकाने लगे। इस पर पीड़िता के परिजन चिकसाना थाने पहुंचे और आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज करा दिया। लेकिन इसके बाद से पीड़िता के परिजनों पर राजीनामे का दबाव शुरू हो गया। तंग आकर उन्होंने गॉंव ही छोड़ दिया।
चिकसाना के SHO का कहना है कि बच्ची का मेडिकल परीक्षण करवा दिया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इससे पहले अलवर की 15 वर्षीया मूक बधिर बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में तो बालिका के पिता ने प्रशासन पर ही लालच देने व मुंह बंद रखने के आरोप लगाए थे।