राजस्थान : संघ के 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

राजस्थान : संघ के 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

राजस्थान : संघ के 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग संपन्नराजस्थान : संघ के 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

  • शारीरिक व बौद्धिक के साथ सेवा कार्यों का भी प्रशिक्षण

जयपुर, 8 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (राजस्थान) में 6 स्थानों पर चल रहे 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम व द्वितीय वर्ष मंगलवार को संपन्न हो गए। बीकानेर के गंगाशहर में संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष का समारोप कार्यक्रम शिवमठ के स्वामी संवित विमर्शानंद गिरी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। जिसके मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जयचंद लाल डागा, विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवलाल तेजी थे। उद्बोधन संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम का रहा।

3 प्रांतों में 6 संघ शिक्षा वर्ग संपन्न
जयपुर प्रान्त का प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग झुंझुनू में संपन्न हुआ, जिसे क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री ने संबोधित किया। वहीं अलवर में चल रहे प्रथम वर्ष के समापन कार्यक्रम को क्षेत्र संपर्क प्रमुख श्याम मनोहर ने संबोधित किया। इसी प्रकार जोधपुर प्रान्त का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का समारोप कार्यक्रम शारदापुरम नागौर में रामस्नेही संप्रदायाचार्य पीठ रामधाम रेण के आचार्य सज्जन राम महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ। जिसके मुख्य अतिथि चम्पालाल सुथार व मुख्य वक्ता संघ के कार्यकारिणी सदस्य हनुमानसिंह राठौड़ रहे।

चित्तौड़ प्रान्त का पहला संघ शिक्षा वर्ग विद्या निकेतन गांधीनगर चित्तौड़गढ़ में समाजसेवी कैप्टन सुरेश ईनाणी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ, जहां क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेशचंद्र अग्रवाल ने उद्बोधन दिया। चित्तौड़ प्रान्त का दूसरा संघ शिक्षा वर्ग बूंदी में समाजसेवी भंवरलाल झंवर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ, जहां संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख स्वांत रंजन ने मुख्यवक्ता के रूप में अपने विचार रखे।

अनुशासन के साथ सेवा कार्यों का प्रशिक्षण
संघ में इन 20 दिवसीय प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से अनुशासन, आज्ञा पालन, समय का पालन, जैसे गुणों का विकास कर एक अच्छे कार्यकर्ता का निर्माण होता है। मोबाइल व सोशल मीडिया से दूर रहकर वर्ग में प्रशिक्षण  द्वारा शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक, व्यावहारिक क्षमता का विकास होता है। प्रशिक्षण शिविर में शिक्षार्थी सुबह 4 बजे से रात 10.30 बजे तक की व्यस्त दिनचर्या में शारीरिक, बौद्धिक, सेवा कार्य आदि की जानकारी प्राप्त करते हैं। यहां भीषण गर्मी के बावजूद स्वयंसेवक पूरे मनोयोग के साथ संघ की रीति नीति व कार्यपद्धति के बारे प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।

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