राम मंदिर हमारी संस्कृति का परिचायक – डॉ. शैलेंद्र

राम मंदिर हमारी संस्कृति का परिचायक - डॉ. शैलेंद्र

राम मंदिर हमारी संस्कृति का परिचायक - डॉ. शैलेंद्र

कोटपूतली, 9 अप्रैल।  श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की ओर से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए विशेष सहयोग करने वाले भामाशाहों का सम्मान समारोह बसंत प्रभु विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर केवल भगवान राम का जन्मस्थान नहीं बल्कि यह हमारी संस्कृति का परिचायक है। भगवान राम के मंदिर निर्माण में पूरे देश से लोगों ने मुक्त हस्त से सहयोग किया। पूरे देश से 5457 करोड़ से अधिक धनराशि एकत्रित हुई है। 5 लाख से अधिक गांवों में कार्यकर्ता निधि संग्रह के लिए पहुंचे हैं तथा 12 करोड़ से अधिक परिवारों से निधि संपर्क के लिए संपर्क किया है। यह अभियान देश का ही नहीं अपितु विश्व का सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान था जो इतने कम समय में पूरा हुआ। कोटपूतली जिले से पांच करोड़ रुपए से अधिक धनराशि समाज ने राम मंदिर के लिए प्रदान की है। कोटपूतली नगर व तहसील से सवा करोड़ रुपए से अधिक धनराशि समिति के कार्यकर्ताओं ने एकत्रित की है। राम मंदिर निर्माण अब 107 एकड़ जमीन पर हो रहा है। इसमें रामलला के मंदिर के साथ ही संग्रहालय, म्यूजिकल फाउंटेन, प्रदर्शनी स्थल, लाइब्रेरी, शोध संस्थान, संतो के लिए विश्राम गृह, रामलीला मंचन सभागार, ऑडिटोरियम आदि का भी निर्माण हो रहा है। इस तीर्थ स्थल पर देश भर से ही नहीं अपितु पूरे विश्व के लोग रामलला के दर्शन को आएंगे। इसके लिए संपूर्ण अयोध्या क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाली सदी हिंदुत्व की होगी भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में गुंजायमान होगी।

संत सीताराम दास महाराज ने भी आशीर्वचन कहे। समिति के अध्यक्ष रामसिंह सैनी व संयोजक पूरण भरगड ने सभी का आभार प्रकट किया।

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