राष्ट्रीय सिख संगत के द्वारा राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
राष्ट्रीय सिख संगत के द्वारा रविवार को “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में गुरु नानक देव जी महाराज की शिक्षा और महत्व” विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसका आगाज दिल्ली विश्वविद्यालय के डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. राजकुमार फलवारिया ने किया।
वेबिनार में भारत के विभिन्न राज्यों से 470 से ज्यादा बुद्धिजीवियों, प्रोफेसर, वकीलों व ब्यूरोक्रेट्स ने भाग लिया। इस वेबिनार में मुख्य वक्ता रहे : पूज्य निर्मल संत डॉ. स्वामी रमेश्वरनाद जी न्यूरो सर्जन, राष्ट्रीय संत प्रमुख- राष्ट्रीय सिख संगत, डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी, कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला, माननीय श्री अविनाश जायसवाल जी, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन, राष्ट्रीय सिख संगत, प्रो. गुरमीत सिंह कुलपति पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय, श्री बलतेज सिंह मान सदस्य अल्पसंख्यक शैक्षिणिक संस्था आयोग, भारत सरकार, श्री गुरबचन सिंह मोखा राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सिख संगत, श्री जसबीर सिंह राष्ट्रीय सह-संघठन मंत्री राष्ट्रीय सिख संगत, माधव शर्मा प्रोफेसर JNU दिल्ली, डॉ राजकुमार फलवारिया डिप्टी प्रॉक्टर DU दिल्ली व अध्यक्ष- CSD , डॉ. अतनु महापात्रा एसोसिएट प्रोफेसर केंद्रीय विश्वविद्यालय, गुजरात।
वेबिनार के सभी वक्ताओं ने गुरु नानक देव की शिक्षा के महत्त्व के बारे में चर्चा की और युवाओं को गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही गुरु परम्परा ने भारतीय संस्कृति को एक नया रूप दिया है। आज के युवा गुरु नानक देव जी के सिद्धांतों से भावी पीढ़ी को जागरूक कर सकते हैं।
इस वेबिनार के मूल में सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के विभिन्न गुरुओं ने किस तरह समाज को संगठित करने का काम किया है, इस बात को लोग जानें। आज के इस दौर में सिख समुदाय के समाज के प्रति कार्यों व पूजनीय गुरु परम्परा को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं पर भी चर्चा हुई। कार्यक्रम का संचालन छगनलाल प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय ने किया।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दिनेश हंस, डॉ. उषा शर्मा, डॉ. राजेश जांगिड़, डॉ. मानकराम सिंगारिया, पूराराम आदि ने पेपर पढ़े।
राष्ट्रीय सिख संगत के अधिकारी अमरपाल, कुलविंदर सिंह ने बैक आफिस कार्य किया। इस कार्यक्रम में देश भर से कई प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर, समाज सेवी व अन्य लोग सम्मिलित हुए। राजसमन्द जिला प्रभारी सेलेश चोरड़िया की गरिमामयी उपस्थिति रही।
समापन और धन्यवाद प्रस्ताव पुर्व मुख्य अभियंता राजस्थान ताराचंद जाटोल ने किया।