पहचान छिपाकर लव जिहाद में फंसाने वालों के विरुद्ध कानून की मांग

पहचान छिपाकर लव जिहाद में फंसाने वालों के विरुद्ध कानून की मांग

पहचान छिपाकर लव जिहाद में फंसाने वालों के विरुद्ध कानून की मांग

उदयपुर, 11 नवम्बर। अपनी पहचान और मजहब छिपाकर लड़कियों को फंसाने और उसके बाद उन पर मतांतरण कर निकाह का दबाव बनाने के बढ़ते मामलों से आक्रोशित विभिन्न हिन्दू संगठनों ने मंगलवार को हिन्दू जागरण मंच के बैनर तले जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

मंच के प्रांत महामंत्री रविकांत व महानगर संयोजक प्रदीप कुमावत ने बताया कि गत 27 अक्टूबर को दिल्ली के पास बल्लभगढ़ में निकिता तोमर हत्याकाण्ड सहित कई ऐसी घटनाएं हैं जिनमें यह तथ्य सामने आया है कि मजहब और पहचान छिपाकर हिन्दू लड़कियों को प्रेम के जाल में फांसा जाता है, जब तक लड़कियों को पता चलता है तब तक देर हो चुकी होती है और यदि वे विरोध भी करती हैं तो निकिता की तरह बर्बरता का शिकार हो जाती हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के मेवात क्षेत्र में भी, हरियाणा के मेवात क्षेत्र जैसे मामले सामने आ रहे हैं। उदयपुर में ही गत 19 अक्टूबर को हिरणमगरी थाने में आसिफ नाम के आरोपित के विरुद्ध पोक्सो का मामला दर्ज हुआ है। गत महीनों में सलूम्बर के गींगला की भी युवती को बहला-फुसला कर मजहब छिपाकर भगाने का मामला सामने आया और इस मामले में बाड़मेर के हनीफ खान के विरुद्ध फरवरी 2020 में केस दर्ज हुआ है।

संगठनों द्वारा दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2014 में नूरजहां उर्फ अंजलि मिश्रा के मामले में अंतरधार्मिक शादी पर निर्णय देते हुए इसे अवैध करार दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जहांगीर जमशेद मुनीर ने भी पूजा उर्फ जोया शाहवेज की याचिका पर विशेष विवाह अधिनियम 1955 का हवाला देते हुए स्पष्ट कहा है कि शादी करने के लिए मतांतरण कर रहे हैं जो सही न होकर अवैध है।

ज्ञापन में मांग की गई कि अन्य राज्य भी इन मामलों में कठोर कानून बना रहे हैं, इसलिए राजस्थान में भी कठोर कानून बनाया जाए ताकि ‘लव जिहाद’ की झांसेबाजी से हिन्दू लड़कियों को बचाया जा सके।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *