लिबरल गैंग कर रहा प्रधानमंत्री और आरएसएस के लोगों की मौत की प्रार्थना
कहते हैं व्यक्ति के शब्दों से उसका चरित्र झलकता है। वामपंथी लिबरल गैंग के लोग भी प्रधानमंत्री व आरएसएस के लोगों के विरुद्ध जहरीली जुबान बोलकर जब तब अपने चरित्र व कुंठाओं का परिचय देते रहते हैं।
आजकल ऐसे ही ट्वीट कर स्वयं को भारतीय टेलीविजन की अभिनेत्री व एक्टिविस्ट बताने वाली मोना अम्बेगाँवकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने आरएसएस के सदस्यों, संघ के समर्थकों और प्रधानमंत्री के लिए एक दर्दनाक मौत की इच्छा व्यक्त की है। मोना ने लिखा है, “मैं अब इस ‘नीच आदमी’ को और श्राप नहीं दे सकती। मैं खुद को इन संघी गुंडों के समर्थकों, उनके अम्ब्रेला संगठन (आरएसएस) और चौकीदार-तड़ीपार जोड़ी के लिए एक दर्दनाक मौत की दुआ माँगने से नहीं रोक पा रही हूँ। जिन ‘a—holes’ हिंदुओं ने इन्हें वोट दिया है, अब मरो।”
@rtrRavirao नाम के ट्विटर हैन्डल से कहा गया है कि मौत इनके लिए कम है। इनके लिए एक भयानक दर्द और कष्ट की दुआ की जानी चाहिए।
इस तरह की प्रार्थनाएं किसान आंदोलन और शाहीन बाग धरने के दौरान भी की गई थीं। वामपंथी जिहादी गठबंधन वाली सरकारों के राज्यों में तो संघ कार्यकर्ताओं की हत्याएं भी आम हैं।
ऐसी प्रार्थनाएं करने वाला लिबरल गैंग महामारी के दौर में भी किसी प्रकार की सहायता करना तो दूर एकजुटता दिखाते हुए देश के साथ खड़ा भी नहीं हो पा रहा। इन्हीं में से एक राकेश टिकैत दम तोड़ चुके किसान आंदोलन को हवा देने के प्रयास कर रहे हैं। जब सब लोग घरों में बैठे हैं वे किसानों को फिर से आंदोलन स्थलों पर लाने की बात कर रहे हैं। स्वयं कोविड वैक्सीन लगवा चुके टिकैत वैक्सीन को लेकर भी लोगों को भड़का रहे हैं। उनका कहना है बॉर्डर पर बैठे किसान भी इंजेक्शन तब लगवाएँगे, जब आधे इंजेक्शन पुलिसकर्मी लगवाएँगे। उन्हें सरकार पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। कोरोना एक तरह का बुखार है। टिकैत की अगुआई में तथाकथित किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर घेर कर बैठने के कारण ऑक्सीजन टैंकरों को लम्बे रूट से जाना पड़ रहा है। जिससे ऑक्सीजन सप्लाई में देरी हो रही है।
देश हित में आए हर फैसले, कानून या योजनाओं का विरोध कर स्वयं को कभी मुस्लिमों तो कभी अनुसूचित जाति तो कभी जनजाति समाज तो कभी किसानों का हितैषी बताने वाले योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, स्वरा भास्कर, हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार जैसे आंदोलनजीवी वामपंथी महामारी के इस दौर में नजर तक नहीं आ रहे।
दूसरी ओर संघ कार्यकर्ता लोगों की आवश्यकताओं को समझते हुए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं। वे रक्तदान करने से लेकर, काढ़ा व मास्क की सप्लाई, अस्पतालों की सफाई, अस्पतालों में भर्ती कोविड पीड़ितों के परिजनों के लिए निशुल्क आवास सुविधा, कोरोना संक्रमितों व उनके परिजनों के लिए भोजन व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर शमशानों व कब्रिस्तानों में कोविड से जान गंवा चुके लोगों के अंतिम संस्कार तक में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
लिबरल गैंग से अधिक जिम्मेदार तो बोकारो के ऑक्सीजन प्लांट में काम कर रहे वे मजदूर हैं जो ऑक्सीजन के महत्व को समझते हुए अपने कर्तव्य को वरीयता दे रहे हैं। प्लांट में एक दिन कम ऑक्सीजन बनी तो उन्होंने भोजन भी लक्ष्य पूरा करने के बाद किया।